गौचर हवाई पट्टी की ऊंची दीवारें बनी स्थानीय लोगों व काश्तकारों को मुसीबत

Team PahadRaftar

केएस असवाल

गौचर : वर्तमान में गौचर हवाई पट्टी की चार दीवारी की ऊंचाई बढ़ाकर सभी रास्ते बंद कर दिए जाने से क्षेत्रवासी भारी मुसीबत में घिर गए हैं। अब उन्हें खेतों में जाने के लिए मिलों चक्कर काटना पड़ रहा है। इससे क्षेत्रवासियों खासकर काश्तकारों में भारी रोष देखने को मिल रहा है।

जनपद चमोली के गौचर में पनाई सेरे में हवाई पट्टी बनाने की योजना वर्ष 1990 के दौरान अमल में लाई गई थी। तब काश्तकारों ने इसका भारी विरोध किया था। हवाई पट्टी बनाने के पीछे सामरिक व पर्यटन का तर्क देकर क्षेत्रवासियों खासकर काश्तकारों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया था। वर्ष 2000 में बनकर तैयार इस सीमांत जनपद की हवाई पट्टी पर भले ही 23 साल बीत जाने के बाद भी हवाई जहाज सेवा शुरू न की जा सकी हो लेकिन हवाई पट्टी की चार दीवारी की ऊंचाई बढ़ाकर काश्तकारी के सभी रास्ते बंद कर दिए जाने से क्षेत्र वासियों खासकर काश्तकारों को भारी मुसीबत में डाल दिया गया है। अब नौबत ऐसी आ गई है कि जहां काश्तकारों को खेतों में जाने के लिए मीलों चक्कर काटना पड़ रहा है वहीं श्मशान घाट के रास्तों का भी घोर संकट पैदा हो गया है। खेतों के बीचों बीच बनाई गई हवाई पट्टी से पनाई सेरे की तलाऊ जमीन दो भागों में बंट गई है। इससे जहां खेतों में जाने के रास्तों का संकट पैदा हो गया है वहीं सिंचाई व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हो गई। इन सबके इतर एक रास्ता ऐसा भी था जिससे जो पनाई गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के साथ ही श्मशान घाट जाने के अलावा सात गांवों की आराध्य कालिंका देवी की उत्सव यात्रा में भी प्रयोग किया जाता था। अब इस जगह पर भी बाउंड्री वॉल की ऊंचाई बढ़ाकर पूरी तरह आवागमन बंद कर दिए जाने से खासकर पनाई गांव के लोग मुसीबत में घिर गए हैं। इस स्थान पर क्षेत्रवासी भूमिगत रास्ते की मांग करते आ रहे हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है।

पनाई गांव निवासी सेवानिवृत्त सुबेदार उमराव सिंह नेगी , रघुनाथ सिंह बिष्ट, जयपाल सिंह बिष्ट, पंकज भंडारी आदि लोगों का कहना है कि जब हवाई पट्टी के लिए जमीन अधिग्रहण की जा रही थी तब क्षेत्रवासियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया था लेकिन ताजुब तो इस बात का है कि सबकुछ जानते हुए भी क्षेत्रवासियों के सभी पौराणिक रास्तों को बंद कर दिए जाने से कटे में नमक छिड़कने का काम किया गया है। आगामी लोकसभा चुनाव में वोट के माध्यम से गुस्से का इजहार किया जाएगा।

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