ऊखीमठ। कार्तिक स्वामी तीर्थ की तलहटी में बसे सुरम्य मखमली बुग्याल उसनतोली में वन विभाग अगस्तमुनि द्वारा जल संरक्षण के नाम पर अवैध खनन करने से स्थानीय जनता में विभाग के प्रति आक्रोश बना हुआ है। स्थानीय जनता का आरोप है कि वन विभाग द्वारा जल संरक्षण के नाम पर लाखों रुपये ठिकाने लगाने के साथ – साथ उसनतोली बुग्याल की सुन्दरता से भी छेड़छाड़ की है। स्थानीय प्रकृति प्रेमियों का मानना है कि जंगली जानवरों के लिए बनाये गये जल संरक्षण चाल खालों को उसनतोली बुग्याल के चारों तरफ फैले जंगलों या फिर अन्यत्र स्थानों पर भी चाल खालों को बनाया जा सकता था।
बता दें कि कार्तिक स्वामी तीर्थ की तलहटी में बसे उसनतोली बुग्याल को प्रकृति ने अपने अनूठे वैभवों का भरपूर दिया है इसलिए प्रति वर्ष सैकड़ों सैलानी उसनतोली बुग्याल पहुंचकर वहाँ के प्राकृतिक सौन्दर्य से रुबरु होते हैं तथा भविष्य में स्कन्द नगरी से उसनतोली बुग्याल तक पैरागलाडिंग की अपार संभावनाएं हैं। विगत दिनों वन विभाग अगस्तमुनि रेंज द्वारा उसनतोली बुग्याल में जल संरक्षण के नाम पर अवैध खनन करने के साथ ही उसनतोली बुग्याल की सुन्दरता से छेड़छाड़ करने का मामला प्रकाश में आया है। मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग द्वारा उसनतोली बुग्याल में लगभग दो दर्जन चाल खालों का निर्माण कर लाखों रुपये की हेराफेरी करने के साथ ही उसनतोली बुग्याल की सुन्दरता से छेड़छाड़ की गयी है। जिससे स्थानीय जनता में विभाग के प्रति आक्रोश बना हुआ है।
क्षेत्र पंचायत सदस्य घिमतोली अर्जुन सिंह नेगी का कहना है कि वन विभाग द्वारा क्षेत्र में किये गये कार्यों का क्षेत्रीय जनता विरोध तो नहीं करती है मगर वन विभाग द्वारा उसनतोली बुग्याल में जल संरक्षण के नाम पर मानकों से अधिक चाल लाखों का निर्माण करना विभागीय कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। उनका कहना है कि जंगली जानवरों के लिए उसनतोली बुग्याल में बनाये गये चाल खालों को यदि बुग्याल के चारों तरफ बनाये जाते तो विभाग का मानक भी पूरा होता तथा उसनतोली बुग्याल की सुन्दरता भी कायम रहती। बिक्रम सिंह नेगी का कहना है कि वन विभाग द्वारा जल संरक्षण के नाम पर उसनतोली बुग्याल में अवैध खनन करना समझ से परे है तथा उसनतोली बुग्याल में मानकों से अधिक चाल खालों का निर्माण करने से स्पष्ट हो गया है कि वन विभाग ने चाल खालों के निर्माण में मोटी रकम को ठिकाने लगाया है। उनका कहना है कि यदि वन विभाग द्वारा समय रहते उसनतोली बुग्याल की सुन्दरता को यथावत नहीं रखा तो ग्रामीणों को वन विभाग के खिलाफ वन मंत्रालय का दरवाजा खटखटाना पडे़गा। सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह राणा का कहना है कि वन विभाग उसनतोली बुग्याल की सुन्दरता को गायब करने के साथ – साथ विभागीय बजट को ठिकाने लगाने का काम नहीं गया है जो कि क्षेत्र हित में नहीं है! वही दूसरी ओर विभागीय अधिकारियों से वार्ता करनी चाही मगर वार्ता नहीं हो पाई।