ऊखीमठ! द्वादश ज्योर्तिलिंगों में अग्रणी भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने धाम केदारनाथ पहुंच गई है। आगामी 17 मई को कपाट खुलने की तैयारियां देव स्थानम् बोर्ड द्वारा चाक – चौबन्द कर दी गयी है। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के निरन्तर विकराल रूप धारण करने से प्रदेश सरकार द्वारा चार धाम यात्रा को स्थगित किये जाने से इस बार भी भगवान केदारनाथ के कपाट सादगी व बिना भक्तों के खुलेगें !
गौरीकुण्ड – केदारनाथ पैदल मार्ग पर पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के साथ चल रहे भक्तों, तीर्थ पुरोहितों, हक – हकूधारियो व देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए रहने व खाने की व्यवस्था सुचारू होने पर सभी ने तहसील प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। शनिवार को गौरी माता मन्दिर गौरीकुण्ड में केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी बागेश लिंग ने बह्म बेला पर पंचाग पूजन के तहत तैतीस कोटि देवी – देवताओं सहित भगवान केदारनाथ का आवाह्न कर आरती उतारी तथा ठीक आठ बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली पैदल मार्ग से धाम के लिए रवाना हुई तथा भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के जंगलचट्टी, भीमबली, छोटी लिंनचोली, लिंनचोली, रूद्रा प्वाइंट सहित पैदल मार्ग पर परम्परानुसार पूजा – अर्चना की गयी ! देर सांय लगभग चार बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के केदारनाथ धाम पहुंचने पर वहाँ पूर्व से मौजूद देव स्थानम् बोर्ड के 12 सदस्यीय दल ने भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली का पुष्प, अक्षत्रो से भव्य स्वागत किया!
जानकारी देते हुए देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारी व डोली प्रभारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि देव स्थानम् बोर्ड द्वारा आगामी 17 मई को कपाट खुलने की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई है। इस बार गौरीकुण्ड, भीमबली व लिंनचोली में भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के साथ चलने वाले हक – हकूधारियो, तीर्थ पुरोहित समाज तथा देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए रहने व खाने की व्यवस्था चाक – चौबन्द होने पर उन्होंने उप जिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा तथा नायब तहसीलदार जयबीर राम बधाणी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर उप मुख्य कार्यधिकारी वी डी सिंह, ओकार शुक्ला, प्रदीप सेमवाल, अरविन्द शुक्ला, शिव सिंह रावत, राज कुमार तिवारी, सन्तोष त्रिवेदी, एस आई मंजूल रावत, कुलदीप सिंह, लोकेन्द्र रूवाडी, कुलदीप धर्मावाण सहित देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारी, तीर्थ पुरोहित, हक – हकूधारी मौजूद रहे।