शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट हुए बंद – संजय कुंवर बदरीनाथ

Team PahadRaftar

शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट हुए बंद

– कपाट बंदी के अवसर पर फूलों से सजा बदरीनाथ मंदिर

भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंदी के मौके पर हजारों श्रद्धालु बदरीनाथ धाम में मौजूद थे। इस दौरान 20 क्विंटल गेंदे के फूलों से बदरीनाथ मंदिर को सजाया गया था। अब शीतकाल में भगवान बदरी विशाल के पूजा व दर्शन योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में किए जाएंगे।

अलकनंदा नदी के तट पर स्थित श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंदी की प्रक्रिया सुबह से शुरू हो गई थी। वैसे प्रतिदिन दोपहर के भोग के बाद कुछ समय तक मंदिर के कपाट बंद किए जाते हैं। जबकि सायं को फिर से कपाट खुलने के बाद पूजा अर्चना की जाती है। परंतु कपाट बंदी के अवसर पर दिनभर मंदिर के कपाट खुले रहे। दिनभर श्रद्धालुओं ने मंदिर में पहुंचकर पूजा अर्चना की। कपाट बंदी के अवसर पर श्री बदरीनाथ मंदिर को 20 क्विंटल गेंदे व अन्य प्रजाति के फूलों से सजाया गया था। सुबह भगवान नारायण की प्रतिदिन होने वाली पूजाओं के बाद दोपहर का भोग लगाया गया। सुबह भगवान का फूल श्रृंगार किया गया। सायं को भगवान के तन से फूल हटाकर माणा गांव की कुआंरी कन्याओं द्वारा बुनी गई घृत कंबल ओढ़ी गई।

अब कपाट खुलने के अवसर पर यही घृत कंबल श्रद्धालुओं को पहले प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा। कपाट बंदी से पहले सायं को बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा सखी वेष धारण कर मंदिर परिसर में स्थित मां लक्ष्मी मंदिर पहुंचकर उन्हें छह माह शीतकाल में भगवान नारायण की पंचायत में आने का न्यौता दिया गया। इसी दौरान नारायण पंचायत से कुबेर जी, उद्वव जी की उत्सव मूर्ति व आदि गुरु शंकराचार्य की गददी को बाहर लाया गया। उसके बाद मां लक्ष्मी को गर्भगृह में भगवान नारायण के साथ विराजित किया गया। ठीक सायं को 6:45 बजे बदरी विशाल के कपाट बंद किए गए। भगवान कुबेर जी व उद्वव जी आज बदरीनाथ धाम में ही रहेंगे। कल अाज सुबह दोनों की उत्सव डोलियां पांडुकेश्वर के योगध्यान बदरी मंदिर पहुंचेगी। इस अवसर पर सेना व आइटीबीपी की बैंड की मधुर धुनों पर माणा, बामणी गांव की महिलाओं ने पारंपरिक पौंणा नृत्य का प्रदर्शन किया। कपाट बंदी के अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, धर्माधिकारी भुवन चंद्र सती, सुमन प्रसाद डिमरी सहित हक हकूकधारी व श्रद्धालु मौजूद रहे।

Next Post

सड़क के किनारे गाड़ दिया पोल, बना खतरा

सड़क के किनारे गाड़ दिया पोल, बना खतरा चमोली जिले के गौंणा पगना मोटर मार्ग पर गाड़ा गया ऊर्जा निगम का विद्युत पोल जिले की सुदूरवर्ती निजमूला घाटी के गौंणा क्षेत्र की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले यह क्षेत्र सड़क सुविधा से वंचित था। अब […]

You May Like