ऊखीमठ। उत्तराखण्ड के कई तहसीलों में तैनात मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलदार व नायब तहसीलदार का कार्य भार दिये जाने पर उत्तराखण्ड भू लेख सम्वर्गीय कर्मचारी महासंघ ने अपना दो दिवसीय कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। इस बाबत कर्मचारी महासंघ से जुड़े अधिकारियों ने तहसील परिसर में धरना देकर अपने गुस्से का इजहार किया तथा प्रदेश के मुखिया को ज्ञापन भेजकर 31 मार्च तक आदेश वापस न लेने पर 1 अप्रैल से अनिश्चित कालीन कलमबध हड़ताल की चेतावनी दी है।
कर्मचारी महासंघ के हड़ताल पर जाने से राजस्व विभाग के कामकाज प्रभावित होने के साथ – साथ जनता को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तहसील परिसर में कार्य बहिष्कार हड़ताल पर बैठे अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए जयवीर राम बधाणी ने कहा कि उत्तराखण्ड की कुछ तहसीलों में रिक्त तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों का कार्यभार मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को दिया गया है जो कि सरासर गलत है। क्योंकि तहसीलदार व नायब तहसीलदार के कार्य को सम्पादित करने के लिए बिशेष प्रशिक्षण की जरूरत होती है। जयकृत सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय पटवारी महासंघ द्वारा इसका पहले ही विरोध किया गया था मगर आज तक आदेश वापस न लिये के कारण हमे कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होना पड़ा। मनोहर लाल अंजुवाल ने कहा कि अभी तो दो दिवसीय कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया है यदि 31 मार्च तक आदेश वापस नहीं लिये गये तो 1 अप्रैल से हमें अनिश्चित कालीन कलमबध हड़ताल के लिए विवश होना पड़ेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन – प्रशासन की होगी। इस मौके पर सन्तोष रौलेट, वासुदेव जगवाण, सन्तोष नेगी, सतीश भटट, कीर्ति राणा, अमित पुण्डीर, वीरपाल सिंह, चन्द्र वल्लभ नेगी मौजूद रहे।