चमोली जिले में भारी बारिश से गुरुवार को आपदा प्रभावित तपोवन – भंग्यूल को जोड़ने वाला पुल धौली गंगा के उफान में बह गया। पचास लाख से नवनिर्मित पुल को बने अभी दो महीना हुआ है। आवाजाही हुई प्रभावित। लोगों ने शासन – प्रशासन से मोटर पुल की मांग की। दरअसल 7 फरवरी को रैंणी तपोवन घाटी में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई थी। इस आपदा में 200 से अधिक लोगों की अकाल मौत हुई। करोड़ों – अरबों की संपत्ति का भी नुकसान हुआ है। इस आपदा में तपोवन – भंग्यूल गांव को जोड़ने वाले दो पुल भी आपदा की भेंट चढ़ गए थे। गांव को जोड़ने के पहले ट्रॉली की व्यवस्था की गई।
बाद में लोक निर्माण विभाग द्वारा लगभग 55 लाख की लागत से पैदल पुल का निर्माण किया गया। जो गुरूवार को चमोली जिले में हुई भारी बारिश से धौली गंगा में उफान आने से बह गया। तपोवन के समाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश डोभाल ने बताया कि लोनिवि द्वारा लगभग 55 लाख की लागत से बना पुल दो महीने में ही बह गया। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग ने कच्ची मिट्टी के ऊपर ही पुल बना दिया जिसके चलते धौली गंगा के बहाव से मिट्टी धस गई और पुल बह गया। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा सरकारी धन का दुरपयोग किया गया है। भंग्यूल गांव के प्रकाश सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा गांव को जोड़ने के लिए मोटर पुल का निर्माण किया जाए।