लक्ष्मण नेगी
अगस्त्यमुनि में दस्तक परिवार द्वारा आयोजित एवं बाल विकास विभाग रूद्रप्रयाग द्वारा प्रायोजित 12वें फूलदेई महोत्सव एवं घोघा जात्रा के दौरान चला फुल्यारी फूल डाल्योला, अपड़ा घोघा खूब नचौला जैसे गीतों को गाते हुए फुलारी बच्चों की टोलियों ने धूम मचा दी। फूलदेई महोत्सव में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से 35 टीमों के 300 से अधिक सदस्यों ने प्रतिभाग किया। खेल मैदान अगस्त्यमुनि से प्रारम्भ हुई घोघा सांस्कृतिक जात्रा विजयनगर तथा अगस्त्यमुनि बाजार से होते हुए खेल मैदान में ही समाप्त हुई। विभिन्न पहाड़ी भेष भूषा के साथ घोघा एवं अन्य निशाणों को नचाते हुए बच्चे जब बाजार में निकले तो उनका स्वागत करने के लिए स्थानीय निवासी, व्यापारी एवं राहगीर जगह – जगह पर खड़े थे। सांस्कृतिक यात्रा के बाद खेल प्रांगण में घोघा नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें राप्रावि मुसाढ़ंग की टीम ने प्रथम, राइका कण्डारा की टीम ने द्वितीय तथा औजस्वी घोघा टीम विजयनगर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। जिन्हें स्मृति चिह्न एवं नगद पुरूस्कार दिया गया। सर्वोत्तम घोघा टीम का पुरूस्कार राजराजेश्वर टीम तुलंगा को मिला। महोत्सव में बाल विकास विभाग रूद्रप्रयाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत सहयोग किया गया। और सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिह्न प्रदान किए गए। जबकि रिन्यू पावर प्रोजेक्ट द्वारा सभी प्रतिभागियों को भोजन की व्यवस्था की गई। इस अवसर पर दस्तक परिवार द्वारा उत्तराखण्ड की पहली कथा वाचिका साध्वी राधिका जोशी, लोक गायिका आरती गुसाईं तथा गुलदार से लड़ने वाली वीरांगना मंजू देवी को ‘उम्मीदों के पहाड़‘ सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम होने आवश्यक हैं। उन्होंने दस्तक परिवार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को नई संस्कृति को पुरानी संस्कृति से जोड़ने की एक पहल बताया जो अपनी जड़ों से जोड़ने का प्रयास है। उन्होंने नई पीढ़ी का आह्वान किया कि वे जीवन में किसी भी मुकाम तक पहुंचे परन्तु अपनी संस्कृति, अपने गांव, अपने पहाड़, अपने मूल को न भूलें। आयोजन समिति के सदस्य हरीश गुसाईं एवं दीपक बेंजवाल ने कहा कि यह मात्र प्रतियोगिता नहीं है अपितु अपनी माटी, अपनी पहचान और अपनी विरासत से नई पीढ़ी को रूबरू करवाने और उन्हें जोड़ने का भी प्रयास है। कहा कि दस्तक की मुहिम को परवान चढ़ाया शिक्षा विभाग के अपर निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने। जिन्होंने न केवल फूलदेई को स्कूलों में मनाने की पहल की बल्कि इस इस बार गैरसैंण विधान सभा सत्र के दौरान फूलदेई मनाकर सरकार से इसे बाल पर्व की घोषणा भी कर वाली। और अब वे इसे पाठ्यक्रम में भी शामिल कराने का प्रयास कर रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नपं अध्यक्ष श्रीमती अरूणा बेंजवाल ने कहा कि ऐसा बडा़ आयोजन होने से हमारे नगर का गौरव बढ़ा है। भविष्य में इसे और अधिक भव्य स्तर पर आयोजित करना चाहिए। कालिका काण्डपाल ने आगन्तुक अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम में सहयोग करने वाले सभी महानुभावों का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन गिरीश बेंजवाल एवं कुसुम भट्ट ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका उम्मेद आर्य, अश्विनी गौड़ एवं अखिलेश गोस्वामी ने निभाई। जबकि पीजी कालेज अगस्त्यमुनि के एनएसएस स्वयं सेवकों द्वारा भी सहयोग दिया गया। इस अवसर पर व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन बिष्ट, रिन्यू पावर प्रोजेक्ट के प्रतिनिधि पृथ्वीपाल रावत, जिला क्रीड़ाधिकारी महेशी आर्य, सभासद नपं दिनेश बेंजवाल, उमा प्रसाद भट्ट, रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सुशील गोस्वामी, गजेन्द्र रौतेला, सुधीर बर्त्वाल, हेमन्त फरस्वाण, ललिता रौतेला, हिमांशु भट्ट, दीपक सेमवाल, रोहित रावत, प्रकाश बड़वाल, हेमन्त चौकियाल सहित कई आयोजन समिति के समस्त कार्यकर्ता मौजूद रहे।