जोशीमठ : भारत-चीन सीमा से सटे सीमांत गांव मलारी में शनिवार को जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में ‘‘अस्पताल जनता के द्वार’’ के तहत मल्टी स्पेशिलिटी निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित कर 255 से अधिक लोगों को लाभान्वित किया गया। स्वास्थ्य शिविर में जनरल सर्जन, आर्थाे सर्जन, स्त्री व बाल रोग विशेषज्ञ, ईएनटी सर्जन के साथ विभिन्न गैरसंचारी रोगों की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मानिसिक रोगियों का उपचार एवं दिव्यांगजनों का विशिष्ट पहचान प्रमाण पत्र (यूडीआईडी) भी बनाए गए।
जिला प्रशासन की अभिवन पहल पर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में मल्टी स्पेशिलिटी चिकित्सा शिविर आम जनता के लिए वरदान साबित हो रहे है। दूरस्थ क्षेत्र महलचौरी व नंदासैंण के बाद शनिवार को जिला प्रशासन द्वारा सीमांत गांव मलारी में शिविर आयोजित किया गया। शिविर में कैलाशपुर, महरगांव, कोषा, नीति, बांम्पा, गमशाली, फरकिया, झेलम, जुम्मा, मलारी आदि गांव एवं क्षेत्र के लोगों ने लाभ उठाया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा 167 लोगों का पंजीकरण कर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिसमें 18 हड्डी रोग, 21 ईएनटी, 47 आंख, 08 बाल रोग, 35 महिला रोग, 38 दंत रोग, 40 रक्त जांच, 18 सामान्य रोग, 15 जनरल सर्जरी, 60 एचआईवी आईसीटीसी, 03 दिव्यांग प्रमाण, 01 मानसिक रोगी प्रमाण पत निर्गत किए गए। महिला रोग विशेषज्ञों की टीम ने 29 महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के लिए उच्च सेंटर रेफर किया। इन सभी महिलाओं को उच्च चिकित्सा सेंटर में निःशुल्क अल्ट्रासांउड कराया जाएगा। आयुष विंग के द्वारा 70, होमोपैथी के द्वारा 102 लोगो को दवा वितरण की गई। शिविर में 25 लोगों के आयुष्मान कार्ड भी बनाए गए। इस दौरान 35 लोगों को कोविड की बूस्टर डोज लगाई गई। शिविर में समाज कल्याण विभाग के माध्यम से वृद्वावस्था, विधवा, दिब्यांग आदि सामाजिक पेंशन योजनाओं के तहत 65 आवेदनों का मौके पर ही सत्यापन किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में लोगों तक आसानी से स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने का प्रयास किया गया है। जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में शिविर लगाने के लिए रोस्टर बनाया गया है और रोस्टर के अनुसार शिविर लगाए जा रहे है। इन शिविरों में विशेषज्ञों चिकित्सकों के माध्यम से सभी रोगों की जांच की जा रही है और बीमारी से संक्रमित मिलने पर मरीजों को उच्च स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क उपचार की सुविधा दी जा रही है। शिविर के दौरान जिलाधिकारी ने स्थानीय लोगों की समस्याएं भी सुनी और संबधित अधिकारियों को प्राथमिकता पर समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश भी दिए।
मलारी गांव में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में अपर जिलाधिकारी डा.अभिषेक त्रिपाठी, एसडीएम कुमकुम जोशी, सीएमओ/वरिष्ठ सर्जन डा.राजीव शर्मा, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशषज्ञ डा.उमा रानी शर्मा, वरिष्ठ फिजीशियन डा. अमित जैन, नेत्र रोग विशेषज्ञ डा.एमएस खाती, बाल रोग विशेषज्ञ डा.मानस सक्सेना, ईएनटी सर्जन डा. शिखा भट्ट, दंत चिकित्सक डा.अनुराग सक्सेना, मानसिक रोग विशेषज्ञ डा.नवीन डिमरी, होम्योपैथिक अधिकारी डा.केके उनियाल, आयुर्वेदिक अधिकारी एश के रतुडी, हड्डी रोग विशेषज्ञ डा.वैभव नोडियाल, मानसिक रोग विशेषज डा.नवीन, स्वास्थ्य शिक्षा एवं संचार मैनेजर उदय सिंह रावत, समाज कल्याण अधिकारी विनोद उनियाल, प्रधान मलारी मंगल सिंह राणा, प्रधान कैलाशपूर सरितादेवी तथा क्षेत्रीय जनता मौजूद रही।
विदित हो कि आगामी 13 सितंबर को सलना, 22 सितंबर को निजमुला, 11 अक्टूबर को सितेल, 28 अक्टूबर को झिझोणी, 10 नवंबर को लोल्टी, 26 नंवबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उर्गम, 13 दिसंबर को रौता, 30 दिसंबर को सवाड, 11 जनवरी को मटई, 25 जनवरी को कुनीपार्था, 9 फरवरी को जस्यारा, 24 फरवरी को परखाल, 10 मार्च को भराडीसैंण, 20 मार्च को लोहाजंग, 28 मार्च को स्यूणबेमरू में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे।