बामेश्वर महादेव मंदिर में शिव महापुराण कथा का आयोजन

Team PahadRaftar

कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव की पूजा सभी कष्टों का दूर करके सुख-संपत्ति व मनोकामना पूर्ण करने वाली है। सावन का महीना शिव जी की भक्ति के लिए अत्यंत शुभ है। ऐसे अत्यंत पवित्र सावन मास में बामेश्वर महादेव मंदिर की शिवमयी भूमि पर सप्तदिवसीय “श्री शिव महापुराण” का अनुष्ठान परमपूज्या कृष्णप्रिया जी की दिवमयी वाणी में ग्राम भदूडा, गंजेड, संगूड, त्रिशुला, कफल पानी, भरतपूर, ढामक, आलीशाल, बगड, सेम, सांकरी, नैल, पाडुली, बासकण्डी, काण्डई एवं समस्त बामेश्वर क्षेत्र के ग्रामवासियों के साथ बदरीनाथ विधायक राजेन्द्र सिंह भंडारी एवं जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रजनी भंडारी द्वारा शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।

कथा के द्वितीय दिवस पर क्षेत्र वासियों में भारी उत्साह नजर आया। कथा में शिव महिमा का वर्णन करते हुए दीदीजी ने बताया – ” भोलेनाथ आशुतोष भगवान हैं। जहाँ और देवताओं की प्रसन्नता हेतु अनेकों अनुष्ठान का विधान हैं वहीं भोले भंडारी केवल जल चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं। जो कोई शिवभक्त सच्चे मन से उनकी साधना करता है, उसे जीवन में कभी किसी चीज का भय नहीं रहता है। क्योंकि भोलेनाथ अभयंकर हैं। उनकी कथा जीवन में समस्त मनोकामनाओं को पूरा करने वाली है।

भगवान शिव को जल क्यों चढ़ाया जाता है? देवी जी ने बताया कि – ” श्रावण मास में समुद्र मंथन किया गया था। समुद्र मथने के बाद जो विष निकला उसे भगवान शंकर ने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की लेकिन विषपान से महादेव का कंठ नीलवर्ण हो गया। इसी से उनका नाम नीलकंठ महादेव पड़ा। विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी- देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। इसलिए शिवलिंग पर जल चढ़ाने का खास महत्व है।”

कथा में आगे कहा कि – भगवान शिव और भगवान विष्णु में कोई अंतर नहीं है। कुछ लोग भगवान शिव को नहीं मानते वे ये नहीं जानते कि शिवभक्ति किये बिना भगवान विष्णु या राम जी की कृपा प्राप्त करना असम्भव हैं। शिव आदि देवता हैं। सृष्टि के आरंभ और अंत शिव ही हैं। हम सभी में भगवान शिव का ही वास है। शिव शक्ति के बिना हम शव हैं।

शिवभक्तों की अनेकों दिव्य कथाओं का वर्णन करते हुए परमपूज्या दीदीजी ने बताया कि “भगवान शिव को “भोला भाला” कहा जाता है क्योंकि भक्तों के लिए वे अत्यंत भोले हैं। सहज ही दूर्लभ वस्तुयों को प्राप्त कराने वाले हैं। और दुष्टों के लिए वे “भाले” की तरह हैं उनका संहार करने में तनिक भी देर नहीं लगाते। ”

शिवजी के अत्यंत रसमयी भजनों से मंदिर परिसर गूंज उठा। सभी श्रद्धालु शिव भक्ति में सराबोर होकर जमकर झूमें और शिवकथा कृपाम्रत प्राप्त किया।

Next Post

राइका बैरागणा में बहुदेशीय विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

गोपेश्वर : चमोली जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में रविवार को राजकीय इंटर कॉलेज बैरांगणा में जिला जज नरेन्द्र दत्त की अध्यक्षता में बहुदेशीय विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में लोगों को कानूनी अधिकारों और विभागीय योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही उनकी समस्याओं का […]

You May Like