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अपने जन्म दिवस को खास अंदाज और प्रेरणा दायक बनाने वाली तीलू रौतेली पुरुस्कार से सम्मानित शशि देवली ने इस वर्ष भी समाज के समक्ष एक अनूठी मिसाल कायम की।पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी उन्होंने एक अलग ही सोच के साथ अपना जन्मदिन मनाया।
शुक्रवार सुबह भगवान गोपीनाथ के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर सर्वप्रथम उन्होंने गो सेवा संस्थान जाकर दान धर्म का कार्य किया।अपने हाथों से बनाए पूड़ी प्रसाद का भोग गायों को खिलाया और गो चरण छूकर वंदन किया। उन्होंने बताया कि उनकी सास जी को गायों से बहुत प्रेम था और वो हमेशा चाहती थी कि गाय सेवा का कार्य पीढ़ी दर पीढ़ी होते रहना चाहिए।उनकी यादों को जीवंत करके पित्रों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ही उनके मन में गो सेवा के प्रति श्रद्धा जागृत हुई। आज उन्होंने यह संकल्प भी लिया कि वे समय – समय पर इसी प्रकार गो सेवा दान करती रहेंगी तथा समाज में दूसरों को भी प्रेरित करेंगी।
इसके बाद उन्होंने दानों में श्रेष्ठ दान माना जाने वाला महादान रक्तदान कर आम जनमानस के प्रति अपने समर्पण के मूल्य को प्रदर्शित किया है। उन्होंने इस वर्ष लगातार तीसरी बार रक्तदान किया गया। आपातकाल में जरूरतमंदों के लिए नवजीवन प्रदान करने में मददगार रक्त किसी के घर की रोशनी को जलाए रख कर खुशियां प्रदान करता है। साहित्य के लिए समर्पित शशि देवली अपनी कलम के माध्यम से तो समाज को जागरुक कर ही रही है, साथ ही वह समाज और देश के प्रति भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं।