शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज का 49वां ज्योतिष्पीठाधिरोहण महोत्सव मनाया गया ।
चतुराम्नाय शंकराचार्य पीठ में अन्यतम उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठ के वर्तमान शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज को आज के 49वर्ष पूर्व श्रृंगेरी पीठ के तत्कालीन पूज्य शंकराचार्य स्वामी अभिनव विद्यातीर्थ जी महाराज, पुरी पीठ के शंकराचार्य पूज्य स्वामी निरञ्जन देव तीर्थ जी महाराज, द्वारकाशारदापीठ के पूज्य शंकराचार्य स्वामी अभिनव सच्चिदानंद तीर्थ जी महाराज, धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज, भारतधर्म महामंडल सहित देश भर के विद्वानों ने सर्वसम्मति से योग्य आचार्य के रूप में पूज्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज का पीठाभिषेक किया था अस्तु ।
आज ज्योतिर्मठ परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित बिलासपुर छत्तीसगढ से पधारे अधिवक्ता मुख्य अतिथि श्री मुरलीधर शर्मा जी ने कहा कि पूज्य शंकराचार्य जी महाराज का जीवन संस्कृति के रक्षा के लिए है और उन्होनें पीठाधीश्वर बनने के बाद शंकराचार्य पद की गरिमा को पूरे विश्व में ख्यापित किया है । विशिष्ट अतिथि श्री अरविंद प्रकाश पंत जी प्रधानाचार्य वेदवेदांग महाविद्यालय जोशीमठ ने पूज्य शंकराचार्य जी के जीवन और ज्योतिष्पीठ के द्वारा किए जा रहे लोकोपकारी कार्यों की भूरि – भूरि प्रशंसा की ।
उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्वामी सदाशिव जी ने बताया कि उत्तर भारतवासियों का सौभाग्य है कि उन्हें ऐसा सर्ववरिष्ठ विद्वान और तपस्वी शंकराचार्य के रूप में प्राप्त हुआ ।
आज प्रातः काल से ही मठ की ओर से भगवान वासुदेव जी, नवदुर्गा माता, शंकराचार्य गद्दी, राजराजेश्वरी माता, लक्ष्मी और भगवान नृसिंह सहित भविष्य केदार महादेव, ज्योतिरीश्वर महादेव, पूर्णागिरि माता, लक्ष्मी-नारायण भगवान, चौसठ योगिनी सहित सभी मन्दिरों में पूजा पाठ सम्पन्न हुआ ।
मठ परिसर में विराजमान भगवती अखिलकोटिब्रहाण्ड नायिका राजराजेश्वरी त्रिपुरसुन्दरी माता जी की महापूजा सम्पन्न की गई।
भारतीय संस्कृति के गौरव हैं वर्तमान ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज उक्त बात ज्योतिष्पीठ के प्रतिनिधि पूज्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती जी महाराज ने अपने सन्देश मे कही आज के सभी कार्यक्रम उन्ही आदेशानुसार सम्पन्न हुए ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित रहे सर्वश्री ब्रह्मचारी श्रवणानन्द, कुशलानन्द बहुगुणा, शिवानन्द उनियाल, हरीष डिमरी, मोहन प्रसाद सेमवाल, महिमानन्द उनियाल, सुधांशु सती, डा मोहन सिंह रावत, मनोज गौतम, जगदीश उनियाल, अमित तिवारी, आदि उपस्थित रहे ।
इस कार्यक्रम का संचालन ब्रह्मचारी मुकुन्दानन्द और संयोजन ब्रह्मचारी विष्णुप्रियानन्द ने की ।