तीर्थयात्रियों से गुलजार रहने वाली मध्यमेश्वर घाटी में छाया सन्नाटा – लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ

Team PahadRaftar

ऊखीमठ। भगवान मदमहेश्वर के कपाट खुलने के बाद तीर्थ यात्रियों से गुलजार रहने वाले यात्रा पड़ाव वैश्विक महामारी के कारण मिनी लाकडाउन लागू होने से इस बार भी वीरान पड़े हुए हैं। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश सरकार द्वारा चार धाम यात्रा को स्थगित करने से स्थानीय व्यापारियों को भविष्य की चिंता सताने लगा गयी है। यदि समय रहते वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण पर रोक नहीं लगती है तथा चार धाम यात्रा शुरू नहीं होती है तो तो देव स्थानम् बोर्ड के साथ ही मदमहेश्वर धाम के हक- हकूकधारियों व स्थानीय व्यापारियों को दो जून की रोटी के लिए मोहताज होना पड़ सकता है! विगत दो वर्ष पूर्व की बात करे तो भगवान मदमहेश्वर के कपाट खुलने के पावन अवसर पर ही सैकड़ों तीर्थ यात्री मदमहेश्वर धाम पहुंचते थे जिससे मदमहेश्वर यात्रा पड़ाव मनसूना, बुरुवा,राऊलैक, उनियाणा,रासी, अकतोली, गौण्डार, बनातोली, खटारा, नानौ, मैखम्भा, कूनचटटी सहित मदमहेश्वर धाम में रौनक बनी रहती थी। इन यात्रा पड़ावों पर तीर्थ यात्रियों की आवाजाही होने से देव स्थानम् बोर्ड सहित स्थानीय व्यापारियों की आर्थिकी सुदृढ़ होने के साथ ही स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलता था, मदमहेश्वर घाटी के सिद्धपीठ काली शिला, राकेश्वरी मन्दिर रासी व मनणा माई तीर्थ में भी तीर्थ यात्रियों की आवाजाही शुरू हो जाती थी!

रासी-मनणा- केदारनाथ, मदमहेश्वर- पाण्डव सेरा- नन्दी कुण्ड, बुरूवा – विसुणीताल पैदल ट्रेको पर भी सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों का आवागमन शुरू होने से स्थानीय गाइडों के सन्मुख भी स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो जाते थे, मगर विगत दो वर्षों से वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लांक डाउन होने से मदमहेश्वर घाटी के यात्रा पड़ावों पर सन्नाटा पसरा हुआ है जिससे यहाँ के जनमानस के चेहरे पर भविष्य की लकीरें साफ छलक रही है। मदमहेश्वर धाम के व्यापारी भगत सिंह पंवार का कहना है कि मदमहेश्वर सहित सभी यात्रा पड़ावों पर सन्नाटा पसरने से सभी को भविष्य की चिन्ता सताने लगा गयी है , उन्होंने कहा कि यदि समय रहते चार धाम यात्रा सुचारू नहीं होती है तो मदमहेश्वर घाटी के हर जनमानस की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।

 

मदमहेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भटट् का कहना है कि यदि आने वाले दिनों में लॉकडाउन की गाइडलाइन में छूट देकर क्षेत्र के पर्यटन व्यवसाय को पटरी पर लाने के प्रयास नहीं किये गये तो मदमहेश्वर धाम की यात्रा पर निर्भर रहने वाले लोगों के सन्मुख रोजी- रोटी का संकट खड़ा हो सकता है। मदमहेश्वर धाम के व्यापारी शिवानन्द पंवार का कहना है कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण विगत दो वर्षों से मदमहेश्वर घाटी का तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है तथा हर एक को भविष्य की चिन्ता सताने लग गयी है! प्रधान बुरूवा श्रीमती सरोजिनी भटट् का कहना है कि भगवान मदमहेश्वर के कपाट खुलने के बाद तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही से गुलजार रहने वाले यात्रा पडाव वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण वीरान पड़े हुए है जिससे क्षेत्र का तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है।

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