दुरूह “हिड्न पास” गुप्त खाल दर्रे को पार कर सकुशल बदरीनाथ पहुँचा लमेरगेईएर का पथारोही दल
संजय कुँवर बदरीनाथ
जोशीमठ के सात सदस्यीय पथारोही रैकी दल ने सोबन सिंह मारर्तोलिया के मार्गदर्शन में महज 5 दिनों के रिकॉर्ड समय में तिब्बत ज़ंस्कार रेंज की सबसे दुरूह दुर्गम माने जाने वाले 5,830 मीटर हिडन पास के नाम से प्रसिद्ध खोपनाक गुप्तख़ाल दर्रे को खराब मौसम और विषम परिस्थितियों में सफलतापूर्वक़ पार कर सकुशल बद्रीनाथ होकर जोशीमठ पहुँच गया है।
दल के लीडर और पर्वतारोही सोबन सिंह मारतोलिया ने बताया कि उनका ये 7 सदस्यीय ट्रैकिंग दल 4 अगस्त को जोशीमठ से गमशाली पहुँचा और यहाँ से ट्रैक शुरू कर ग्लेशियरों,मोरेंनों,हिमखण्डों और एवंलांच के खतरे से जूझतें हुए आखिरकार गुप्त खाल दर्रे को पार कर माणा-बद्रीनाथ पहुँचा, इस रेकी दल के प्रायोजक और जोशीमठ के स्थानीय लोकल टूर ऑप्रेटर लामेरगियर के तारेंद्र मारतोलिया नें कहा की अब उनके और जोशीमठ एडवेंचर ऑप्रेटर संघ के पास करीब 4 हाई एल्टीट्युड माउंटेन गाईड तैयार है। जो इस दुरूह हिडेन पास गुप्त खाल के ट्रैक के लिए देश भर के शोकीयां एडवेंचर ट्रेकरों के ग्रुप को ले जाने में सक्षम है,इस दल के अन्य सदस्यों में देवेंद्र राणा,अंकित बिष्ट, केदार, करी राम, राजेश और मन बहादुर जैसे कुशल पथारोही मौजूद रहे।