तुंगनाथ घाटी में साहसिक पर्यटन और तीर्थाटन को मिले बढ़ावा – लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ

Team PahadRaftar

ऊखीमठ : केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ऊखीमठ / गुप्तकाशी, तहसील प्रशासन व तुंगनाथ घाटी के व्यापारियों की चोपता में आयोजित बैठक में तुंगनाथ घाटी में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने, निकटवर्ती गांवों में होम स्टे योजना संचालित करने, इको संसेटिव जोन का विस्तार निर्धारित सीमा तक करने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि तुंगनाथ घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालों की सुन्दरता को कायम रखने के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे।

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि तुंगनाथ घाटी के चिलियाखोड़, चोपता चट्टी तथा बनियाकुण्ड को ईको सेंसटिव जोन से बाहर रखा जाय जिससे भविष्य में इन पर्यटक स्थलों का सर्वांगीण विकास हो सके। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा मिल सके इसलिए चोपता – तुंगनाथ चार किमी पैदल मार्ग पर शौचालयों का निर्माण होना चाहिए तथा तुंगनाथ घाटी के विभिन्न यात्रा पड़ावों पर संचालित ढाबों, होटलों व टैन्टों में एकत्रित कूड़े निस्तारण के लिए महीने में दो बार शुल्क दर पर स्थानीय नगर निकायों के कूड़ा मोबाइल वाहन उपलब्ध हो।

 

व्यापार संघ अध्यक्ष चोपता भूपेन्द्र मैठाणी ने कहा कि ईको ससेंटिंव जोन की सीमा क्षेत्र वासियों को विश्वास में लेकर होनी चाहिए। प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने कहा कि तुंगनाथ घाटी के प्राकृतिक सौन्दर्य को यथावत रखने की सामूहिक पहल होनी चाहिए! पूर्व प्रधान प्रदीप बजवाल ने कहा कि तुंगनाथ घाटी में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिलने पर ही तुंगनाथ घाटी के पर्यटन व्यवसाय में इजाफा हो सकता है। तहसील जयबीर राम बधाणी ने कहा कि तुंगनाथ घाटी के बुग्यालों की सुन्दरता जब कायम रहेगी तभी तुंगनाथ घाटी के पर्यटन व्यवसाय में इजाफा हो सकता है! रेंज अधिकारी ललित मोहन नेगी ने कहा कि सभी को विश्वास में लेकर ईको ससेंटिंव जोन का विस्तार निर्धारित सीमा तक करने का प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को भेजा जायेगा! इस मौके पर सतीश मैठाणी, श्री चन्द्र रावत, सुबोध मैठाणी, मदन सिंह राणा, क्षेत्र पंचायत सदस्य जयवीर सिंह नेगी, राजेन्द्र सिंह नेगी, दिनेश बजवाल, मोहन प्रसाद मैठाणी, सुमन्त बजवाल, मनोज नेगी, कुवर सिंह राणा, सतीश भटट्, मातबर सिंह नेगी, दिलवर सिंह नेगी सहित केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग व तहसील प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि व व्यापारी मौजूद थे!

Next Post

टिफिन में ही रह गई मां की बनाई रोटियां - तपोवन घाटी से रघुबीर नेगी की रिपोर्ट

टिफिन में ही रह गई मां की बनाई रोटियां रघुबीर नेगी की रिपोर्ट 7 फरवरी 2021 रविवार को आये ऋषिगंगा में भीषण जल प्रलय ने सैकड़ों परिवारों के चिराग बुझा दिये इतना जख्म दे गई कि जीवन भर भूला पाना मुश्किल। 18 दिन बीतने के बाद भी अपनों के इन्तजार […]

You May Like