ऋषि गंगा के जल प्रलय के बाद से ही प्रभावित क्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा राहत बचाव कार्य लगातार जारी है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यो की रेग्यूलर माॅनिटरिंग कर रहे है। आपदा में लापता हुए 206 व्यक्तियों में से अब तक 68 शव और 28 मानव अंग बरामद किए जा चुके हैं और 136 लोग अभी लापता चल रहे हैं। जिनकी तलाश जारी है।
तपोवन सुरंग से पानी और मलवा हटाने का काम भी जारी है। टनल से अब 14 डेडबाॅडी रिकवर हो चुकी है। विगत शनिवार को देर सायं एनडीआरएफ टीम ने बैराज साइट में मलवे से 5 डेडबाॅडी रिकवर की। जिनकी शिनाख्त हो चुकी है। इसमें अमृत कुमार पुत्र कैलाश निवासी झारखंड, ज्योतिष वासला पुत्र मनोज वासला निवासी झारखंड, मुन्ना कुमार सिंह पुत्र विन्देश्वरी सिंह निवासी बिहार, जलाल पुत्र इस्तियाक अली निवासी लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश तथा जीवन सिंह पुत्र जवाहर सिंह निवासी ग्राम पंजिया थाना व तहसील कालसी देहरादून शामिल है। वहीं आज रविवार को तपोवन टनल से भी 01 शव बरामद किया गया। जिसकी शिनाख्त सुनील बाखला पुत्र प्रकाश बाखला निवासी झारखंड के रूप में हुई है। अब तक 39 व्यक्तियों की शिनाख्त हो चुकी है। रविवार को चमोली घाट पर 02 मानव अंगों का अंतिम संस्कार भी किया गया। रैणी ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट, तपोवन में विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट एवं नदी तटों के आसपास लापता व्यक्तियों की खोजबीन जारी है।
जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुपालन में अब तक 29 मृतकों के परिजनों को 1 करोड 16 लाख अहैतुक सहायता राशि वितरण के अतिरिक्त 11 घायलों एवं एक परिवार को गृह अनुदान का वितरण किया जा चुका है। वही 03 मृतक पशुओं का मुआवजा भी बांटा गया है। जिला प्रशासन द्वारा अब तक 34 मृतक व्यक्तियों को मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है।
प्रभावित क्षेत्रों में संचालित स्वास्थ्य शिविरों में अब तक 2127 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और 180 पशुओं की चिकित्सा के साथ दवा एवं 84 फीड ब्लाक वितरित किए गए। प्रभावित परिवारों को 555 राशन किट व 46 सोलर लाइट वितरण के अतिरिक्त तोपोवन और रैणी में संचालित राहत शिविरों में अब तक 8554 लोगों को भोजन कराया गया। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी एवं खाद्यान्न की आपूर्ति सुचारू है।