2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा जहां जोर शोर से तैयारी करने में जुटी है । वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया है ।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने अपने मुख्यमंत्री काल के समय का जिक्र करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों का उन्हें सहयोग मिला प्रदेशवासियों के स्नेह से उन्होंने अभूतपूर्व काम किया ।
प्रदेश वासियों को एक बेहतर सरकार दी इसके लिए उन्होंने डोईवाला की जनता का भी आभार जताया है।
इसी तरह से उन्होंने पार्टी संगठन में काम करने का भी जिक्र किया है। अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में प्रभारी के तौर पर काम किया था इसी तरह से झारखंड में भी प्रभारी के तौर पर काम किया पंजाब उत्तर प्रदेश के साथ कई राज्यों में भी चुनाव के दौरान काम करने का उन्हें मौका मिला।
पत्र के आखिर में उन्होंने महत्वपूर्ण बात लिखी है कि वह अपनी भावनाओं से पार्टी को अवगत करा चुके हैं कि आप 2022 के विधानसभा चुनाव को वह लड़ना नहीं चाहते हैं।
उन्होंने लिखा कि अब प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन हो चुका है उत्तराखंड में युवा मुख्यमंत्री हैं। युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक बार फिर सरकार बने इसके लिए वह काम करना चाहते हैं ।
पूरी मेहनत के साथ प्रचार प्रसार करना चाहते हैं और इसलिए वह चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं उन्होंने पार्टी प्रदेश पार्टी अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि उनकी भावनाओं को समझा जाएगा वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं एक तरफ पार्टी में टिकट को लेकर मारामारी चल रही है ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जो कदम चला है इससे उन्होंने अपने विरोधियों को पटखनी है अब देखना होगा कि पार्टी नेतृत्व उनके इस पत्र का कितनी गंभीरता से संज्ञान लेता है और डोईवाला से किसे प्रत्याशी घोषित किया जाता है ?