अनूठी पहल : फूल मालाओं से किया कैफे बंद कराने गई प्रशासन टीम का विरोध – पहाड़ रफ्तार

Team PahadRaftar

बैरागना मत्स्य पालन प्रक्षेत्र में लंबे समय से विवादों में चल रहे कैफे को पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में मत्स्य पालन विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है। कैफे को खाली कराने गई प्रशासन की टीम के समक्ष कैफे संचालक व ग्रामीणों ने अनूठे तरीके से विरोध भी दर्ज किया। उन्होंने कैफे को कब्जे में लेने आई टीम को फूल मालाएं पहनाई और मिठाइ्र भी खिलाई। विरोध कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि प्रशासन व विभाग ने कैफे को कब्जे में लेकर चार व्यक्तियों का रोजगार छीना है। हालांकि मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा की गई कार्रवाई वैधानिक है।

गौरतलब है कि मत्स्य प्रजनन केंद्र बैरागना में कोटेश्वर निवासी राजेंद्र सिंह बिष्ट को मत्स्य पालन निदेशालय द्वारा पांच साल के लिए कैफे आवंटित किया गया था। परंतु एक वर्ष व नौ माह में ही विभाग द्वारा प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए कैफे को अपने कब्जे में ले लिया गया है। कैफे संचालक कोटेश्वर निवासी राजेंद्र सिंह बिष्ट का आरोप है कि मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों द्वारा जबरन कैफे को अपने कब्जे में लिया गया है। बताया कि इस कैफे के संचालन से चार स्थानीय निवासियों विनय कुमार, महेंद्र सिंह, कैलाश बिष्ट, अजय कुमार को रोजगार दिया जा रहा था। अब इनका रोजगार छीन लिया गया है। प्रशासन की टीम जब कैफे को कब्जे में लेने पहुंची तो स्थानीय निवासियों ने विरोध स्वरूप टीम को फूल मालाएं पहनाई और मिठाई खिलाई। विरोध करने वाले स्थानीय निवासियों का कहना था कि प्रशासन व मत्स्य पालन विभाग द्वारा चार व्यक्तियों का रोजगार छीनने पर विरोध का यह अनूठा तरीका अपनाया गया। आरोप यह भी है कि प्रशासन की टीम द्वारा मछली टैंकों को तोड़ा गया। जिसमें चार हजार से अधिक मछलियां मौजद थी। यह भी आरोप लगाया कि कैफे खाली करने से पहले नियमानुसार उन्हें नोटिस नहीं दिया गया। बीते शुक्रवार की सांय कैफे पर नोटिस चस्पा किया गया और सोमवार को कैफे अपने कब्जे में ले लिया गया। विरोध दर्ज करने वालों में राजेंद्र सिंह बिष्ट, रविंद बत्र्वाल, धीरेंद्र सिंह बिष्ट, सरपंच कोटेश्वर देवेश्वरी देवी, महिला मंगल दल अध्यक्ष गीता देवी, विदेशी महिला पर्यटक पूनम रावत हाने, विनीता देवी, सरिता देवी आदि शामिल थे। दूसरी ओर सहायक निदेशक मत्स्य जगदंबा कुमार का कहना है कि कैफे संचालन व बोट संचालन के लिए स्थानीय निवासी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मगर इसकी आड़ में उनके द्वारा अवैध निर्माण किया गया। बताया कि प्रशासन की टीम ने अवैध निर्माण भी ध्वस्त कर दिया है। साथ ही कैफे के अंदर मौूद सामग्री की सूची प्रशासन के सामने बनाकर उसे एक कक्ष में सुरक्षित रखा गया है।

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