प्रशासन की आधा अधूरी तैयारियों के बीच तुंगनाथ यात्रा शुरू, पैदल मार्ग पर शौचालय तो है पर पानी नही – लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ

Team PahadRaftar

ऊखीमठ : चोपता – तुंगनाथ 4 किमी पैदल मार्ग पर समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है जिसका खामियाजा देश – विदेश के तीर्थ यात्रियों, सैलानियों के साथ ही स्थानीय व्यापारियों के साथ ही घोड़े – खच्चर संचालकों को भुगतना पड़ रहा है। पैदल मार्ग पर पांच सफाई कर्मचारियों को तैनात तो किया गया है फिर भी पैदल मार्ग पर गन्दगी के अम्बार लगे हुए है। सुलभ इंटरनेशनल द्वारा चार किमी पैदल मार्ग पर दो स्थानों पर अस्थाई शौचालयों का निर्माण तो किया गया मगर शौचालय में पानी की आपूर्ति कहाँ से होगी यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है। ईको पर्यटन समिति, स्थानीय व्यापारियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा चोपता – तुंगनाथ पैदल मार्ग पर फैली समस्याओं के निराकरण की मांग समय – समय तो की गयी मगर शासन – प्रशासन स्तर से आज तक किसी भी समस्या के पहल न करने से समस्याये बढ़ती जा रही है जिसका सीधा असर स्थानीय तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय पर पड़ रहा है। ईको पर्यटन विकास समिति / व्यापार संघ अध्यक्ष भूपेन्द्र मैठाणी ने बताया कि चोपता – तुंगनाथ यात्रा मार्ग पर फैली समस्याओं के निराकरण के लिए शासन – प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बाद भी समस्याओं का निराकरण न होने से स्पष्ट हो गया है कि शासन – प्रशासन तुंगनाथ धाम की उपेक्षा कर रहा है। उन्होंने बताया कि चोपता – तुंगनाथ यात्रा मार्ग पर तीर्थ यात्रियों के लिए किसी प्रकार की पेयजल सुविधा नहीं है जबकि पैदल मार्ग पर मात्र दो छोटे प्रतिक्षालयो का निर्माण किया गया है जिससे बारिश के मौसम में तीर्थ यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। घोड़ा – खच्चर संचालक समिति पदाधिकारी प्रदीप सिंह ने बताया कि पैदल मार्ग पर कई स्थानों पर सुरक्षा रैलिंग क्षतिग्रस्त होने से बडे़ हादसे होने की सम्भावना बनी हुई है। बीरबल सिंह नेगी बताया कि पैदल मार्ग के दोनों तरफ बुग्यालों में तीर्थ यात्रियों व सैलानियों की आवाजाही होने से सुरम्य मखमली बुग्यालों की सुन्दरता गायब होती जा रही है। कलम सिंह ने बताया कि चोपता तुंगनाथ पैदल मार्ग पर किसी भी स्थान पर पेयजल आपूर्ति न होने से घोड़े – खच्चरों के संचालन में भारी परेशानियां होती है। जीप – टैक्सी यूनियन पदाधिकारी लखपत सिंह ने बताया कि मुख्य पडाव चोपता में आज तक पार्किंग का निर्माण नहीं हो पाया है तथा भविष्य में पार्किंग की समस्या गम्भीर हो सकती है। यशपाल सिंह ने बताया कि तुंगनाथ घाटी के यात्रा पडावो आज भी संचार, विधुत जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है किसका सीधा असर तुंगनाथ घाटी के तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय पर पड़ रहा है। दमन द्वीप से तुंगनाथ यात्रा पर पहुंची वैशाली का कहना है कि तुंगनाथ घाटी को प्रकृति ने खूबसूरत तरीके से सजाया है मगर तुंगनाथ घाटी में मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है।

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