प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को केदारनाथ विधायक ने क्षेत्रीय विकास के लिए सौंपा ज्ञापन – लक्ष्मण नेगी की रिपोर्ट

Team PahadRaftar

ऊखीमठ : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के छठवीं बार केदारनाथ धाम आगमन पर केदारनाथ विधायक श्रीमती शैलारानी रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चार सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर केदारनाथ विधानसभा के अन्तर्गत फैली विभिन्न समस्याओं के निराकरण की मांग की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौपें ज्ञापन का हवाला देते हुए केदारनाथ विधायक श्रीमती शैलारानी रावत ने बताया कि केदारनाथ विधानसभा सभा का हर भू-भाग आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील है इसलिए केदारनाथ विधानसभा के हर व्यक्ति को रोजगार से जोड़ा जाय। केदारनाथ यात्रा व्यवस्था को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए गौरीकुण्ड – रामबाडा़ तथा रामबाबा़ – चौमासी क्षेत्र को यातायात से जोड़ा जाय क्योंकि भविष्य में केदारनाथ यात्रा में अत्यधिक इजाफा होने के कारण वन वें यातायात की व्यवस्था हो सके तथा केदार व कालीमठ घाटी का चहुंमुखी विकास होने के साथ – साथ देश – विदेश से केदारनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों को यातायात की समस्या का सामना न करना पडे़। गौरीकुण्ड – केदारनाथ पैदल मार्ग के दोनों तरफ शासन – प्रशासन स्तर पर दुकानों का निर्माण कर यात्रा सीजन में दुकानों का आवंटन स्थानीय युवाओं को किया जाय। केदारनाथ विधायक श्रीमती शैलारानी रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करते हुए कहा कि शिव – पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम, तृतीय केदार तुंगनाथ धाम, सिद्धपीठ कालीमठ, काली शिला, राकेश्वरी मन्दिर, कार्तिक स्वामी, भगवान तुंगनाथ का शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ सहित केदारनाथ विधानसभा के अन्तर्गत सभी तीर्थ स्थलों का व्यापक प्रचार – प्रसार किया जाना नितान्त आवश्यक है जिससे सभी तीर्थ स्थलों को विश्व मानचित्र पर स्थान मिल सके तथा सभी तीर्थ स्थलों का सर्वागीण विकास हो सकें। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि आपदा प्रभावित होने के कारण यहाँ की संस्कृति व सामाजिक क्रियाकलाप उन्नयन हेतु महिला मंगल दलों के लिए दो करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जाय। कहा कि त्रियुगीनारायण – पवालीकांठा, त्यूणी – मोठ बुग्याल, चौमासी – खाम – केदारनाथ, रासी – मनणामाई – केदारनाथ, मदमहेश्वर – पाण्डव सेरा – नन्दीकुण्ड, राऊलैंक – काली शिला, बुरूवा – गडगू – विसुमीताल, देवरिया ताल – ताली – विसुमीताल, देवरिया ताल – चोपता – चोपता – राकसी – मोहनखाल , मक्कूमठ – सौर भूतनाथ – कौलाजीत – कार्तिक स्वामी पैदल ट्रैकों को विकसित करने से पर्यटन व्यवसाय में इजाफा होने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे योजना को बढ़ावा मिल सकता है तथा गाँव से होने वाले पलायन पर अंकुश लग सकता है।

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