संजय कुंवर
सीमांत की कृषि में क्रांति ला रहा पावर वीडर मशीन
जोशीमठ : सीमांत जोशीमठ प्रखंड के कृषि प्रदान गांव बड़ागांव,मेरग परसारी में कृषि के क्षेत्र में नई आधुनिक क्रांति आ रही है। यह बदलाव कृषि विभाग जोशीमठ की खास पहल से सीमांत के कृषकों में साफ देखी जा रही है।और यह बदलाव ला रहा है दुनिया का सबसे छोटा ट्रैक्टर पावर वीडर।
इस आधुनिक पावर वीडर का मुख्य काम खेत की निराई-गुड़ाई करना होता है। यह घास,खरपतवार को काटकर मिट्टी में ही मिला देता है।
साथ ही पहाड़ों में इसके अलावा इससे छोटी जोत वाले किसान जुताई भी कर सकते हैं।जोशीमठ कृषि विभाग के अधिकारी रघुवीर सिंह कमदी बताते हैं कि यह योजना सरकार द्वारा कृषक समूहों को जिन्होंने समूहों से अनुदान में कृषि उपकरण के लिए आवेदन किया था उन्हें आज पावर वीडर बांटे गए हैं। पर्वतीय सीमांत क्षेत्रों में विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले जोतों में खेती-बाड़ी किसानी बहुत कठिन काम माना जाता है, ऐसे खेतों में किसानी के लिए बैलों या बड़े ट्रैक्टर का इस्तेमाल संभव नहीं होता। अब इस समस्या का समाधान बनकर सामने आई यह आधुनिक मशीन। इसे पावर वीडर कहते हैं। यह किसानों के लिए मददगार साबित हुई है। करीब साढ़े पांच हॉर्स पॉवर की इस मशीन का वजन 70-80 किलो होता है। इस पावर वीडर ने पर्वतीय क्षेत्रों में क्रांति ला रही है। जोशीमठ कृषि विभाग की जागरूक पहल पर सीमांत बड़ागांव मेरग गांव की महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी उन्नतशील कृषकों की मांग पर दुनिया के सबसे छोटे ट्रैक्टर पावर बीडर बांटे गए हैं, सीमांत के कृषकों को अब करीब 80% अनुदान पर कृषि विभाग जोशीमठ के सौजन्य से ये उपयोगी पावर बीडर बांटे गए हैं।