ऊखीमठ। पीएमजीएसवाई निर्माणाधीन गंगातल – बैंजी मोटर मार्ग पर पहली बरसात में ही सुरक्षा दीवालों व पुस्तों के क्षतिग्रस्त होने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है! निर्माणाधीन मोटर पर पहली बरसात में सुरक्षा दीवालों व पुस्तों के क्षतिग्रस्त होने से स्पष्ट हो गया है कि विभागीय अधिकारियों ने अपने मोटे कमीशन कमाने के एवज में सुरक्षा दीवालों व पुस्तों के निर्माण में गुणवत्ता को दरकिनार किया है! निर्माण मोटर मार्ग के समतलीकरण में भी पूर्व में स्थानीय जनता ने सवालिये निशान उठाये थे। विभागीय अधिकारी सब कुछ जानने के बाद भी क्यों मौन है यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
बता दें कि पीएमजीएसवाई के 6:425 किमी तथा 427:15 लाख की लागत से निर्माणाधीन गंगतल – बैंजी मोटर मार्ग निर्माण कार्य लम्बे समय से गतिमान है विगत दिनों मोटर मार्ग निर्माण के समतलीकरण पर भी मानकों के अनुरूप कार्य नहीं किया गया तो स्थानीय जनता में पीएमजीएसवाई के खिलाफ भारी आक्रोश देखा गया। विगत 18 – 19 जून को क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश से मोटर पर 30 प्रतिशत सुरक्षा दीवालों व पुस्तों के पहली बरसात में क्षतिग्रस्त होने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। भले ही विभागीय अधिकारी मात्र दो सुरक्षा दीवालों के क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि तो कर रहा मगर ग्रामीणों के अनुसार मोटर मार्ग पर पहली ही बरसात में 30 प्रतिशत सुरक्षा दीवाले व पुस्ते क्षतिग्रस्त हो चुके है। ग्रामीणों का आरोप है कि कार्यदाही संस्था व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से सुरक्षा दीवालों व पुस्तों के निर्माण कार्य में गुणवत्ता को दरकिनार किया गया परिणाम स्वरूप पहली ही बरसात में मोटर मार्ग पर बने सुरक्षा दीवाल व पुस्ते 30 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो गये हैं।
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि निर्माणाधीन मोटर मार्ग पर बने सुरक्षा दिवालों व पुस्तों के निर्माण में विभागीय अधिकारियों ने अपने मोटे कमीशन के चक्कर में गुणवत्ता को दरकिनार किया , क्योंकि विभाग द्वारा सुरक्षा दीवालों व पुस्तो की नीव पक्की भूमि के बजाय मिट्टी में डालने में अपने भलाई समझी। भले ही विभाग ने आनन फानन में कुछ क्षतिग्रस्त पुस्तो का निर्माण कार्य दुबारा शुरू तो कर दिया मगर मोटर मार्ग पर बने पुस्तो व सुरक्षा दीवालों से भी भविष्य कई मकानों व गौशालाओं को खतरा बना हुआ है! ग्रामीण नीरज सिंह ने बताया कि मोटर मार्ग पर अधिकांश सुरक्षा दीवाले पहली बरसात में क्षतिग्रस्त हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर विभाग के अधिशासी अभियन्ता कमल सिंह सजवाण का कहना है कि विभागीय जेई ने मुझे मात्र दो सुरक्षा दीवाले क्षतिग्रस्त होने की जानकारी दी है तथा ठेकेदार को दोनों सुरक्षा दीवालों को दुबारा बनाने के निर्देश दिये गये हैं।