दीपक बैंजवाल
वनान्दोलनो की धरती मक्कूमठ में स्मृति वृक्षो का रोपण
‘रुद्रा हिंवाला’ के सदस्यों द्वारा विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन गदद्दी स्थल और वनान्दोलनो की धरती मक्कूमठ गांव में स्मृति वृक्षो का रोपण किया गया। यह कार्यक्रम तुंगनाथ घाटी के तीन प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता (स्व श्री गंगाधर मैठाणी ,, स्व श्री महीधर मैठाणी तथा स्व श्री नन्द किशोर मैठाणी ) और महिला शक्तियों के द्वारा 1885 – 86 मे कोयला खदान पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए किये गए आंदोलन मे हिस्सा लेने वाली नारी शक्तियों की स्मृति मे आयोजित हुआ।
इस कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम मंदिर प्रांगण मे बेल पत्र का पौधा लगा कर किया गया। इसके उपरान्त गावँ के ही कालिंका (द्क्षिण काली ) मंदिर के अगल बगल की बंजर भूमि मे सभी समाज सेवकों की पुण्य आत्माओ के निमित्त अलग अलग प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया , जिस मे चीड़ , बिल्वपत्र ,अखरोट , दाल चीनी ,आदि के पौधों का रोपण किया गया । जिसमे से दो दालचीनी के पौध हेमंत राणा जी को समाजसेवी स्वतंत्रता सेनानी श्री भूपाल सिंह राणा व उत्तराखंड आंदोलनकारी स्व श्री अवतार सिंह राणा जी की पुण्य स्मृति में भेंट स्वरुप दिए गए ।
आज के ‘रुद्रा हिंवाला’ के इस कार्यक्रम मे ‘रुद्रा हिंवाला’ के सदस्यों के साथ , ग्राम सभा मक्कू के प्रधान श्री विजयपाल सिंह नेगी जी ने भी ‘रुद्रा हिंवाला’ का पूर्ण सहयोग किया , नेगी जी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी मे अपने पर्यावरण के प्रति ‘रुद्रा हिंवाला’ के युवाओं की सजगता को देखने से मन को प्रसन्नता मिलती हैं, और समय समय पर ऐसे जनजागरूकता कार्य हर क्षेत्र मे होने अनिवार्य हैं ,जिससे की हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहें। ,, इनके साथ इस कार्यक्रम मे पूर्व वनपंचायत सरपंच मक्कू श्रीमती सरोजनी मैठाणी ,, पूर्व प्रधान पाव जगपुड़ा श्रीमती गायत्री देवी ,, श्री एन0 पी0 भट्ट ,, श्री उमा दत्त मैठाणी , दामोदर प्रसाद , राजेंद्र प्रसाद, कुशला नन्द मैठाणी ,मुकुल मैठाणी,, माहेस्वरी देवी (पधानी पुफू) शामिल थे। कार्यक्रम की शुरुआत ,प्रकाश चन्द्र मैठाणी ने वैदिक मंत्रोचारण से की , इसके बाद गावँ की तीन (पुष्पा देवी,भागा देवी और गायत्री देवी) महिलाओं द्वारा पहाड़ी मांगल गीतों को गाया गया जो की इस क्षेत्र मे पहाड़ी मांगलों का सरक्षण कर रही हैं। कार्यक्रम पूर्ण होने के पश्चात श्रीमती सरोजनी देवी मैठाणी ने कार्यक्रम मे सम्मलित सभी सदस्यों को निःस्वार्थ भाव से भोजन करवाया गया।