मेरी धर्म की ध्याण जशीली व्हे रायी, गाजी देय दूध- मनखी देय बूद,10 दिनों से चल रहे पांडव नृत्य का हुआ समापन,पांडव नृत्य के समापन में भावुक हुई ध्याणियां,फफककर रो पड़ी।
पीपलकोटी
सीमांत जनपद चमोली के दशोली ब्लाॅक के किरूली गांव में 10 दिनों से चल रहे पांडव नृत्य का आज समापन हो गया है। शनिवार को पांडवों ने अलकनंदा में स्नान करने के बाद किरूली गांव पहुंचे और रातभर रविवार सुबह 3 बजे तक पांडव चौक पर पांडव नृत्य का आयोजन हुआ। पांडवों के अस्त्र – शस्त्र को बाण कंडी में डालकर पांडव आयोजन का समापन हो गया।
पांडव नृत्य के समापन के अवसर पर ध्याणियां भावुक हुई और फफककर रो पड़ी। पांडवों ने ग्रामीणों व ध्याणियों को पांडवणी के गीतों के संग आशीष वचन दिया।
पांडव नृत्य के समापन के अवसर पर पूस की कडकडाती ठंड में देर रात 3 बजे तक पांडव चौक में बैठे रहे ग्रामीण। समापन पर सभी मेलार्थियों ने ब्रह्माभोज कर प्रसाद ग्रहण किया और पांडवों से आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर दर्शन सिंह फरस्वाण, जम
न सिंह फरस्वाण, मदन सिंह नेगी, अब्बल सिंह बिष्ट, प्रेम सिंह चौहान, सब्बल सिंह फरस्वाण, शिशुपाल सिंह झिंक्वाण, शिशुपाल सिंह फरस्वाण, अजय फरस्वाण, राजेन्द्र सिंह फरस्वाण, सुजान सिंह फरस्वाण, कलम सिंह बिष्ट, रघुनाथ सिंह फरस्वाण, सुरेन्द्र सिंह झिंक्वाण, बलवंत सिंह कंडारी, पपेन्द्र सिंह कंडारी, ताजबर बिष्ट सहित अन्य लोग मौजूद थे।