संजय कुंवर फूलों की घाटी
नेशनल पार्क घांघरिया जोशीमठ
अपनी दुर्लभ जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी आज बुधवार से पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए खोल दी गई है। आज सुबह 7 बजे पार्क के प्रवेश द्वार से साल के पहले प्रकृति प्रेमियों के दल को डीएफओ नन्द बल्लभ शर्मा की अगुवाई में हरी झंडी दिखाते हुए रवाना किया गया। इस मौके पर नन्दा देवी नेशनल पार्क के डीएफओ एन,बी,शर्मा ने सभी पर्यटकों को अपने शुभकामना भी दी। ओपनिंग शिरोमणि के दौरान ईडीसी पुलना भ्यूडार के शेेखर चौहान प्रसिद्ध छायाविद ओर घाटी के एक्स्पर्ट प्रकृतिविद रघुवीर सिंह चौहान भी मौजूद रहे। पहले दिन सुबह 8 बजे तक 15 पर्यटकों का पहला दल फूलों की घाटी नेशनल पार्क में प्रवेश कर चुका था। घाटी में इस वक्त मौसम अनुकूल बना हुआ है। अभी घाटी में प्रिमुला,एस्टर,जिरेनियम,मार्श मेरीगोल्ड,पोटेंटिला,फॉरगेट मी नोट, आइरिस,कैंपान्यूला सहित अन्य अल्पाइन प्रजाति के पुष्प खिले हुए है, सैलानी आगामी अक्तूबर माह तक घाटी की सैर का लुत्फ उठा सकेंगे।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी में 300 से अधिक प्रजाति के रंग बिरंगे फूल खिलते हैं। 87.50 वर्ग फुट में फैले फूलों की घाटी वियावान की खोज वर्ष 1932 में ब्रिटिश पर्वतारोही व वनस्पति शास्त्री फ्रैंकस्मिथ ने की थी। वर्ष 1937 में फ्रैंकस्मित ने वैली आफ फ्लावर नामक पुस्तक लिखकर अपने अनुभवों को देश दुनिया के सामने रखा तो फिर यह अनाम घाटी दुनिया के प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद बन गई।इसी फूलों की घाटी को वर्ष 2005 में विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त हुआ था।