फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान जापानी पुष्प ब्लू पॉपी की महक से हुआ गुलजार,अल्पाइन हिमालयी पुष्पों की रानी है ब्लू पॉपी
संजय कुंवर, फूलों की घाटी नेशनल पार्क, घांघरिया
विश्व धरोहर फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान और लोकपाल घाटी में इन दिनों “क्वीन ऑफ अल्पाईन हिमालयी फ्लावर” “हिमालयन ब्लू पॉपी”पुष्प अपनी अनुपम छटा बिखेर रहा है।
चमोली जिले के भ्यूंडार क्षेत्र में पुष्पावती नदी के किनारे करीब 12, हजार 995 फीट की ऊंचाई पर स्थित दुर्लभ जैवविविधताओं से भरी इस राष्ट्रीय पुष्प उद्यान में अल्पाइन हिमालई पुष्पों की रानी कहीं जाने वाले और जापानी पर्यटकों की पहली पसंद ब्लू पॉपी की रौनक देखते ही बनती है।
साल 1981 तक यह पुष्प घाटी के लिए था अंजान। इसी वर्ष जापान के शोध छात्र चो बकांबे पुष्पों पर रिसर्च हेतु अन्य शोध छात्रों के साथ फूलों की घाटी पहुंचे इसी दौरान उन्होंने जापान में पसंद किए जाने वाले ब्लू पॉपी के बीज घाटी में बिखेरे। तीन साल बाद जब वह दोबारा फूलों की घाटी आए तो वहां ब्लू पॉपी की क्यारी सजी थी। तब से यह फूल लगातार यहां खिल रहा है।
जुलाई से अगस्त के आखिर तक हेमकुंड साहिब व फूलों की घाटी में यह फूल प्रचुर मात्रा में खिलता है। दुनिया में ब्लू पॉपी की 40 प्रजातियां मौजूद हैं। इनमें से 20 तो भारत में ही पाई जाती हैं। करीब 87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली फूलों की घाटी जैव विविधिता का खजाना है। यह दुनिया की इकलौता जगह है, जहां पर प्राकृतिक रूप से 350 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। यहां दुनिया के दुर्लभ प्रजाति के फूल, वन्य जीव-जंतु, जड़ी-बूटियां व पक्षी पाए जाते हैं।
जापानी पर्यटकों की पहली पसंद
यह फूल जापान में प्रचुर मात्रा में खिलता है। इसीलिये हर साल सैंकड़ों जापानी पर्यटक इस फूल को यहां देखने आते हैं। यहां पर इस पुष्प के साथ तस्वीर खीचते वक़्त अपने देश का राष्ट्रीय गीत भी गाते देखे जा सकते हैं। जापान में ब्लू पॉपी को खासा पसंद किया जाता है।