ऐतिहासिक लॉर्ड कर्जन ट्रैक पर “पांगरचुला टॉप” हुआ पर्यटकों से गुलजार
संजय कुँवर जोशीमठ
जोशीमठ का ऐतिहासिक लॉर्ड कर्जन ट्रैक हुआ पर्यटकों से गुलजार,खुलारा कैम्प हुआ पर्यटकों के सतरंगी टेंटों से गुलजार। क्षेत्र की सबसे ऊँचे पॉइंट पांगरचुली टॉप पर अब तक इस सीजन में 500से अधिक पर्यटकों नें अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
अब तक इस सीजन में सैकडों ट्रैकर पहुँचे हैं। इस खूबसूरत ट्रैक रूट का लुफ्त उठाने कुआरी पास पर्यटन स्थल,बेपनाह खूबसूरत प्राकृतिक नजारों और 360डिग्री के ब्रहद गढ़वाल हिमालयी माउंटेन रेंज के व्यू के लिए प्रसिद्ध है यह ट्रैक रूट,माउंट नंदादेवी,द्रोणागिरि,त्रिशूल,नंदाघुँघटी, लंपक,रोंठी,बिठार टोली हिवाल,सतोपंथ नीलकंठ,चौखंबा,कामेट,मुकुट सहित दर्जनों अन्य हिम शिखरों का दीदार करने पर्यटक यहाँ का रुख कर रहे हैं। जिसके चलते इन दिनों खुलारा बुग्याल सतरंगी टेंटों से गुलजात हुआ है,औली में साहसिक गतिविधियां चलाने वाले स्थानीय हिमालयन वाइल्ड एडवेंचर ऑपरेटर दिनेश भट्ट बताते है की इन दिनों कुवारी पास पांगरचुला टॉप पॉइंट तक पर्यटकों की काफी आमद हो रही है। गैलगढ़ से ऊपर पर्यटकों को पांगरचुला टॉप 4500मी० तक अच्छी मिल जा रही है और मौसम खुशगवार होने से व्यू भी जबरदस्त दिख रहा है। इस सप्ताह वो खुद कई बार यहाँ से स्की डाउन करते हुए बेसकैम्प के पास गेलगढ़ खुलारा तक पहुँचे है,
अप्रैल माह में यहाँ स्की का लुफ्त उठाना किसी सपने से कम नही है पर्यटकों को,बता दें कि आजकल पर्यटक ऋषिकेश से जोशीमठ होकर तुगासी गुलिंग कैम्प के बाद पर्यटक सीधा खुलारा बेस पहुँच रहे हैं।कुवारी पास में अप्रैल माह में भी पर्यटकों को बर्फ देखने को मिल रही है जिसको लेकर पर्यटकों में काफी उत्साह है,वही 4500मीटर की उचाई पर पांगरचुला टॉप को समिट कर स्की डाउन का लुफ्त भी उठा रहे ट्रैकर,खुशनुमा मौसम के बीच लगातार छेत्र में ट्रैकिंग व्यवसाय परवाँन चढ़ रहा है,बता दें की 19वीं सदी में ब्रिटिश अधिकारी लॉर्ड कर्जन नें सबसे पहले चमोली जिले के ग्वालदम देवाल होकर पैदल रामणि पाणा होकर कुआरी दर्रे को पार किया था तबसे इस 71किलोमीटर लंबे एतिहासिक ट्रैक रूट को लॉर्ड कर्जन ट्रैकके नाम से जाना जाता है।