आक्रोश : पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर को शैव सर्किट से हटाने का भारी विरोध

Team PahadRaftar

रिपोर्टर रघुबीर नेगी

पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर को शैव सर्किट से हटाने का भारी विरोध

पंच केदारों में विराजमान भगवान भोलेनाथ का पांचवां केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर जिसे पुराणों में कल्पनाथ भी कहा गया है। सीमांत विकास खंड जोशीमठ की उर्गम घाटी के हिरणावती कल्पंगगा के तट पर है बाबा भोलेनाथ का पांचवां केदार कल्पेश्वर महादेव जो बारह महीने खुला रहता है। पंचकेदारों में एक मात्र मंदिर है जहां शिवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है। पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर में भल्ला वंशज के ठाकुर नेगी लोग होते हैं पुजारी । 1955 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी पुजारी एवं पूजा अर्चना के सम्बन्ध में भल्ला वंशजों के पक्ष में फैसला सुनाया था । कल्पनाथ प्रबंधकारिणी समिति देवग्राम करती है मंदिर समिति का संचालन ।

शिव का पांचवां केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर पंच केदारों में एक मात्र केदार है जो सबसे सुगम है जहां बारह महीने भक्त पंचबदरी में ध्यान बदरी के साथ पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर का दर्शन करते हैं । दुर्भाग्य का विषय है कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा शैव सर्किट से कल्पेश्वर महादेव मंदिर को हटाया गया है जिसका उर्गम घाटी विरोध करती है।

देवेन्द्र रावत प्रधान देवग्राम

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा शैव सर्किट में गढ़वाल कुमाऊं के शिव मंदिर समेत चार केदार बाबा केदारनाथ मध्यमहेश्वर तुंगनाथ रूद्रनाथ को जोड़ा गया है केवल पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर को हटाया गया है। एक तरफ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज उर्गम घाटी को पर्यटन सर्किट बनाने की बात करते हैं और दूसरी तरफ शैव सर्किट से पंचम केदार हटा देते हैं जिसका हम विरोध करते हैं
रघुबीर नेगी
सचिव
कल्पनाथ मंदिर प्रबंध कार्यकारिणी समिति कल्पेश्वर महादेव उर्गम घाटी

पंचम केदारों में कल्पेश्वर महादेव मंदिर उर्गम घाटी का अपना अलग ही महत्व है । जहां प्रतिवर्ष लाखों लोग बाबा कल्पेश्वर महादेव के दर्शन करते हैं उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा शैव सर्किट से कल्पेश्वर महादेव मंदिर हटाने का विरोध करते हैं जिसके लिए सम्पूर्ण उर्गम घाटी आन्दोलन करेगी
अनूप नेगी अध्यक्ष प्रधान संघ जोशीमठ

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा देवाधिदेव कल्पेश्वर महादेव मंदिर को शैव सर्किट से हटाने का विरोध करते हैं ये कैसा शैव सर्किट जिसमें शिव की जटा ही शामिल न हो।
लक्ष्मण सिंह नेगी पूर्व प्रधान भैंटा

कल्पेश्वर महादेव मंदिर के कलेवर कुंड का जल समुद्र में डालने के बाद समुद्र मंथन के समय 14 रत्नों की प्राप्ति हुयी थी जिसमें कल्पवृक्ष एवं लक्ष्मी जी थी। पांडवों के अनुरोध पर भगवान शिव ने यहां नारायण का ध्यान किया था ऐसे महत्वपूर्ण स्थान को शैव सर्किट से हटाना दुर्भाग्यपूर्ण है हम उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का विरोध करते हैं।
दर्वान सिंह नेगी
पुजारी कल्पेश्वर महादेव मंदिर पंचम केदार

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