ऊखीमठ क्षेत्र में अघोषित विद्युत कटौती से उपभोक्ताओं में आक्रोश – लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ

Team PahadRaftar

ऊखीमठ। केदार घाटी सहित विभिन्न इलाकों में हो रही विद्युत कटौती से उपभोक्ताओं में आक्रोश बना हुआ है, क्षेत्र में बार – बार हो रही विद्युत कटौती से नौनिहालों का आनलाइन पठन – पाठन होने के साथ – साथ विद्युत व्यवसाय से व्यापारियों का व्यवसाय खासा बाधित हो रहा है। भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में भी शाम – सुबह वेदपाठ के समय विद्युत कटौती होने से आस्थावानों की आस्था पर गहरा आघात पहुंच रहा है! जानकारी देते हुए कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री आनन्द सिहं रावत ने बताया कि विद्युत विभाग की लापरवाही से केदार घाटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में अघोषित विद्युत कटौती निरन्तर जारी रहने से नौनिहालों की आनलाइन पठन – पाठन बाधित होने के साथ विद्युत व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों के व्यवसाय पर खासा असर देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि एक तरफ लघु उद्योग से जुड़े व्यापारी वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण परेशान है तो दूसरी तरफ विद्युत कटौती की दोहरी मार झेलने को विवश बना हुआ है।

प्रधान संगठन ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष रावत ने बताया कि क्षेत्र में अघोषित विद्युत कटौती होने से ग्रामीणों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। संरक्षक सन्दीप पुष्वाण ने बताया कि भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में वेदपाठ के समय विधुत कटौती होने से वेदपाठ भी बाधित हो रहा है! मदमहेश्वर घाटी विकास मंच संरक्षक राकेश नेगी ने बताया कि विद्युत विभाग की लापरवाही से क्षेत्र में अघोषित विद्युत कटौती होने से आपदा प्रभावितों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अध्यक्ष मदन भटट् ने बताया कि क्षेत्र में अघोषित विद्युत कटौती होने से नौनिहालों की आनलाइन पढाई खासी प्रभावित हो रही है। प्रधान कविल्ठा अरविन्द राणा ने बताया कि क्षेत्र में अघोषित विद्युत कटौती होने से उपभोक्ताओं में विभाग के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है जो कि कभी कभी सड़कों पर फूट सकता है। प्रधान कोटमा आशा सती ने बताया कि क्षेत्र में अघोषित विद्युत कटौती होने से विधुत व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों का व्यवसाय सहित सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों का कामकाज खासा प्रभावित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर विद्युत विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क करना चाहा मगर सम्पर्क नहीं हो पाया।

Next Post

जल संस्कृति की गवाह पंच धारा - रिपोर्ट रघुबीर नेगी

रिपोर्ट रघुबीर नेगी जल संस्कृति की गवाह पंच धारा उर्गम घाटी की प्रसिद्ध पंचधारा जो आज भी पौराणिक संस्कृति की गवाह है। ऋग्वेद के 7 वां अध्याय में उल्लेख है कि इस धरातल पर अवतरित होकर गंगा हिमालय में विराजमान भगवान भोले शंकर की जटाओं में उलझ कर पांच धाराओं […]

You May Like