विभागीय सेवाओं को सुगम बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बनाया गया अपणि सरकार पोर्टल का तीन सप्ताह बाद भी चमोली जिले में संचालन शुरू नहीं हो पाया है। पोर्टल का संचालन न होने के कारण युवाओं को पंजीकरण के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। मामले में युवाओं की पैरवी करते हुए विपक्ष ने कहा कि चुनावों से ठीक पहले सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं को ठगने के लिए इस पोर्टल के संचालन की बात कही गई।
गौरतलब है कि बीते 17 नवंबर को सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में अपणी सरकार पोर्टल का शुभारंभ किया गया। मकसद था कि 75 विभागीय सेवाओं का लाभ इस पोर्टल के माध्यम से बेरोजगारों को दिया जाएगा। तीन सप्ताह बीतने को हैं, मगर अभी तक चमोली जिले में अपणि सरकार पोर्टल का शुभारंभ ही नहीं हो पाया है। ऐसे में संचालन कब होगा यह दूर की कौड़ी है। बताया गया कि पहले सीएससी के माध्यम से ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के जरिए युवा विभिन्न पदों के लिए आवेदन करते थे। अपणि सरकार पोर्टल शुरू होने के बाद ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल् भी पूर्ण रूप से बंद हो गया। ऐसे में सीएससी संचालक भी अपणि सरकार पोर्टल के माध्यम से ही युवाओं का पंजीकरण करा रहे हैं। मगर सेवायोजन विभाग में यह पोर्टल न खुलने के कारण बेरोजगार युवा पंजीकरण के लिए दर दर भटक रहे हैं। दरअसल, सेवायोजना विभाग को इस पोर्टल के संचालन के लिए जो पासवर्ड दिया गया था वह काम नहीं कर रहा है। जोशीमठ विकासखंड के गणांई गांव निवासी सुनील सिंह सीएससी में अपना पंजीकरण कराने पहुंचे थे। इस युवा बेरोजगार का कहना है कि अपणि सरकार पोर्टल का संचालन न होने से उनका पंजीकरण ही नहीं हो पा रहा है। घाट के कांडई गांव निवासी शेखर सिंह कहते हैं कि कनिष्ठ अभियंता पद के लिए आवेदन मांगे गए हैं। वह लगातार सेवायोजना विभाग के चक्कर काट रहे हैं। मगर उनका पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। कहा कि इस लापरवाही के कारण अब उन्हें रोजगार की चिंता सता रही है। मामले में प्रभारी सेवायोजन अधिकारी तेजपाल सिंह ने बताया कि अपणि सरकार पोर्टल के संचालन के लिए विभाग को दिया गया पासवर्ड कार्य नहीं कर रहा है। बताया कि निदेशालय स्तर पर इस संबंध में जानकारी दी जा चुकी है। पोर्टल का चमोली जिले में संचालन न होने पर विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि सरकार युवाओं के साथ छल कर रही है। चुनावों से पहले बेरोजगार युवाओं को छलने व ठगने के लिए पोर्टल के माध्यम से सभी सेवाओं के लिए पंजीकरण का भरोसा दिलाया गया। मगर यह पोर्टल् ही बेरोजगारों के लिए मुसीबत बन गया है।