हरिद्वार : पतंजलि योगपीठ में एक दिवसीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती जागरूकता कार्यक्रम हुआ सम्पन्न।
9 फरवरी से हरिद्वार पतंजलि विश्वविद्यालय सभागार में जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। यह आयोजन राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र,गाज़ियाबाद एवं पतंजलि जैविक अनुसन्धान संस्थान, हरिद्वार के सयुंक्त तत्वाधान में संपन्न हुआ। जिसमें हरिद्वार जनपद के विभिन्न गांवों से लगभग 500 किसानों ने भाग लिया l इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने अपने संबोधन में विषमुक्त खेती जीवन का आधार है और इससे होने वाले फायदों और विषमुक्त अनाज की उपयोगिता के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने जनपद हरिद्वार एवं राज्य के सभी किसानों के आवाह्न किया की वह कम से कम अपने खाने के लिए विष मुक्त खेती करें जिससे खेती की लागत में कमी आए, जिससे उनके परिवार पर होने वाले स्वास्थ्य खर्च में कमी आ सके।
डॉ.गगनेश शर्मा, निदेशक, राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र,गाज़ियाबाद ने अपने संबोधन में बताया कि जैविक एवं प्राकृतिक खेती करने के साथ-साथ किसानों को गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिए जैविक प्रमाणीकरण करवाना भी आवश्यक है जिससे उन्हें जैविक एवं प्राकृतिक उपज का सही बाजार मूल्य मिल सके।
डॉ एम.के. पालीवाल, उप निदेशक, एन.सी.ओ.एन.एफ़ नेअ पने संबोधन में जैविक एवं प्राकृतिक खदानों के महत्व एवं खेती में इनकी उपयोगिता के बारे में बताया l पीजीएस प्रमाणन और विपणन सम्बंधित जैविक खेती पोर्टल की जानकारी डॉ. सचिन वैध, एन.सी.ओ.एन.ऍफ़ ने किसानों को दी l
श्री ए.के. उपाध्यय, संयुक्त निदेशक जैविक उत्तराखंड ने अपने संबोधन में विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी किसानों के साथ साझा की lइस अवसर पर सहारनपुर के प्रगतिशील किसान श्री गोपाल शर्मा ने वर्मीकम्पोस्ट एवं जैविक एवं प्राकृतिक उर्वरकों के उत्पादन के लिए आस पास की गोशालाओं से लाभ के बारे में बताया l ग्राम स्तर पर एफपीओ/एफपीसी का गठन और मूल्यवर्धन की जानकारी श्रीमती हितेश चौधरी, अमरोहा (उ.प्र.)ने दी एवं उन्होंने अपने संबोधन में पतंजलि कृषक समृद्धि कार्यक्रम के अनुभवों को साझा किया एवं महिलाशक्ति से जैविक/प्राकृतिक खेती में आगे आने का आवाह्न किया। साथ ही उन्होंने अपनी प्रदर्शनी में अपने एफ.पी.ओ. के उत्पादों को प्रदर्शित किया। किसानों से वार्तालाप के क्रम में हरिद्वार के किसान श्री खिलाराम आर्य, श्री जय प्रकाश धीमान, श्री संजय कुमार एवं अनिल पाण्डेय ने अपने अनुभव साझा किए l
डॉ. वी. वाई. देवघरेने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद् संबोधन दिया l इस अवसर पर विभिन्न प्रदर्शनियाँ भीलगाई गई जिनमें मुख्य रूप से खेत पर तैयार होने वाली प्राकृतिक खादों एवं कीटनाशको की जानकारी श्री तरुण शर्मा ने दी, एवं अन्य प्रदर्शनियों में पतंजलि जैविक संस्थान के जैव-उत्पादो की जानकरी डॉ. आर. के. शुक्ला एवं टीम ने दी. पतंजलि मृदा परिक्षण किट(धरती का डॉक्टर) एवं मृदा परिक्षण मशीन की जानकरी श्री शिवम् कुमार ने दी, पतंजलि समृद्धि कार्ड की जानकरी श्री अन्जय कुमार एवं टीम ने दी, पतंजलि स्टेशनरी की जानकरी पंकज स्वदेशी जी ने दी l इस कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय के शोध छात्र – छात्राओं ने भी प्रतिभाग किया एवं कार्यक्रम का लाइव प्रसारण आस्था चैनल के माध्यम से किया गया। अंत में किसानों को वर्मीकम्पोस्ट भी वितरित किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री पवन कुमार मुख्य महा प्रबंधक,पतंजलि जैविक अनुसन्धान संस्थान, हरिद्वार द्वारा किया गया l इस अवसर पर पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टिट्यूट की टीम से श्री विवेक बेनीपुरी,श्री दीपक वशिष्ठ, श्री तरुण शर्मा, श्री शुभम पुण्डीर, श्री अर्पण चौहान, श्री आदित्य राणा, श्री पियूष त्यागी, सुश्री अपूर्वा तिवारी एवं सुश्री नीमा सिंह भी उपस्थित थे जिन्होंने कार्यकर्म के संचालन में अपना योगदान दिया।