सदा शिव रामलीला कमेठी के तत्वाधान में आयोजित रामलीला का शुभारंभ पालिकाध्यक्ष दमयंती रतूड़ी ने किया। दीप प्रज्वलित करते हुए कहा कि श्री राम का स्मरण करने से दुखों का अंत हो जाता है। प्रतिवर्ष रामलीला के आयोजन से हमे प्रेरणा मिलती है कि हम सबको नित्य अच्छे कार्य करने चाहिए। रामलीला के आयोजन से बुराई का अंत दिखा कर अच्छाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है । रामलीला में रावण ,कुभकरण विभीषण ने तप किया। इस पर ब्रह्मा ने प्रसन्न होकर वर मांगने को कहा तो रावण ने तीन लोकों में विजय होने, कुंभकरण ने 6 माह की निंद्रा तो विभीषण ने प्रभु के स्मरण का वर मांगा। ब्रह्मा ने प्रसन्न होकर वर दिया तो रावण वर पाकर कैलाश पर्वत को हिलाने गए तो पार्वती डर गई और शिव से कहने लगी तो शिव ने रावण को श्राप दिया ।
रामलीला कमेठी के अध्यक्ष दिनेश बहुगुणा ने सभी रामभक्तों का आभार करते हुए इस रामलीला को सफल बनाने के लिए प्रतिदिन इस कार्य में आने का आह्वान किया । रामलीला में राम जन्म के होते ही राम भक्तों ने जय श्री राम के जयकारो से नगर को गुंजायमान किया ।
रामलीला में पूर्व दायित्व धारी सरदार संत सिंह लूथरा 90 वर्ष ने जोरदार अभिनय कर दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी । शिव में भानु लुथरा पार्वती अभिनव जोशी, रावण ईशांत लुथरा, कुभकर्ण महिपाल सोनियल, विभीषण प्रफुल्ल थपलियाल, ब्रह्मा कमलेश सती, नारद दिनेश बहुगुणा आदि पात्रों ने बेहतर मंचन किया । रामलीला में सभासद विनोद पुरोहित, अनिल डिमरी , दीपा भट्ट, जानकी डिमरी, प्रताप लुथरा, सचिन सैलानी, वरिश अहमद, विपिन शाह, आशीष थपलियाल, खीम सिंह बिष्ट, संचालन हर्ष वर्धन थपलियाल ने किया ।