गौचर
कैप्टन धूम सिंह चौहान का निधन जीवन के 70वें वर्ष में हुआ। उनके निधन का भी ये 70वां साल चल रहा है। और कितना सुखद संयोग है कि उनकी जीवन-कथा पर आधारित पुस्तक, जो गढ़वालियों के शौर्य और चातुर्य का ऐतिहासिक दस्तावेज़ व प्रमाण है का विमोचन भी 70वें गौचर मेला में सम्पन्न हुआ। विमोचन भी 70 विधानसभा वाले प्रदेश के मा0मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के करकमलों से हुआ, जो स्वयं भी प्रदेश की 70वीं विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व दो बार कर चुके हैं। पुस्तक गौचर इंटर काॅलेज के छात्र व वर्तमान में प्रवक्ता राइकाॅ डाकपत्थर देवेश जोशी ने लिखी है।
गौरतलब है कि कैप्टन चौहान गढ़वाल राइफल्स की पहली बटालियन में 1903 में भर्ती हुए और ऑनरेरी कैप्टन के पद से 1934 में सेवानिवृत्त हुए। सेना में रहते हुए उन्होंने प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चिमी मोर्चे और तृतीय अफगान युद्ध में प्रतिभाग किया। इनके उल्लेखनीय योगदान के लिए इन्हें प्रतिष्ठित ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश इंडिया तमगा और सरदार बहादुर के खिताब से नवाज़ा गया। कैप्टन चौहान 1929 में जार्ज पंचम के ऑर्डली ऑफिसर और सेवानिवृत्ति के बाद गवर्नर युनाइटेड प्रोविंस के ए0डी0सी0 भी रहे। सेवानिवृत्ति के बाद कैप्टन चौहान ने सरमोला व गौचर में विद्यालयों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ शिक्षा मंत्री श्री धन सिंह रावत,प्रदेश अध्यक्ष भाजपा श्री महेन्द्र भट्ट,जिलाध्यक्ष भाजपा रमेश मैखुरी,विधायक कर्णप्रयाग अनिल नौटियाल,विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी, विधायक केदारनाथ श्रीमती शैलारानी रावत,नगर पंचायत अध्यक्ष गौचर श्रीमती अंजू बिष्ट, ब्लाॅक प्रमुख कर्णप्रयाग श्रीमती चंद्रेश्वरी देवी ने मंच पर विमोचन में सहभागिता की। कैप्टन चौहान के परिवार से पुत्र सुरेन्द्र सिंह चौहान, पौत्र दिग्विजय चौहान, संजीव चौहान, राजीव चौहान, विक्रम चौहान, पुत्रवधू श्रीमती पानू चौहान व श्रीमती मुक्ता चौहान भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
इसी अवसर पर प्रथम गोविंद प्रसाद नौटियाल पत्रकारिता पुरस्कार प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार श्री रमेश गैरोलाजी को प्रदान किया गया। यूथ फिजिकल अकेडमी के संचालक अनिल नेगी को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।