स्वरोजगार के लिए युवाओं को किया प्रेरित

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी

ऊखीमठ : राजकीय महाविद्यालय विद्यापीठ गुप्तकाशी में 16 मार्च से 31 मार्च तक आयोजित होने वाले “गंगा स्वच्छता पखवाड़े” के सातवें दिन नमामि गंगे एवं खादी और ग्रामोद्योग आयोग (सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मन्त्रालय,भारत सरकार) के संयुक्त तत्त्वावधान में जन-शिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। महाविद्यालय प्राचार्य एवं अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। प्राचार्य महोदय ने अतिथियों का परिचय एवं स्वागत करते हुए कहा कि खादी ग्रामोद्योग आयोग ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में आर्थिक सहयोग प्रदान करने के साथ ही पलायन को रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कार्यक्रम में रुद्रप्रयाग के डी.एस.ओ. श्री जमलोकी जी ने बताया कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मन्त्रालय,भारत सरकार के अधीन कार्य करता है, जो ग्रामीण समृद्धि के लिए जिला उद्योग केन्द्र और खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से अनेक योजनाएं चलाता है और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के प्रति जागरूकता बढ़ाने, लघु उद्योगों की स्थापना, प्रशिक्षण, बैंक ऋण, अनुदान एवं ग्रामोद्योग की गतिविधियों के उद्देश्य से जन-शिक्षण कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करता है। उन्होंने “प्रधानमन्त्री रोजगार सृजन कार्यक्रम“ (PMEGP) रोजगार की नई पहल के बारे में युवाओं को बताया कि इस योजना के माध्यम से कोई भी व्यक्ति विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित कर क्रमशः 50 लाख और 20 लाख का ऋण प्राप्त कर सकता है, जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा 35 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक PMEGP पोर्टल पर पात्रता मानदडों के अनुसार आवेदन कर सकता है। श्री ओ.पी.उपाध्याय (डी.एस.ओ. पौड़ी और चमोली) ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे मैन्युफैक्चरिंग, रेस्टोरेंट, ब्यूटी पार्लर, सिलाई सेंटर आदि उद्योगों की शुरुआत कर स्वरोजगार द्वारा आत्मनिर्भर बनें। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक डोभाल जी ग्रामोद्योग, कुटीर उद्योग आदि के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने गढ़वाली गीत “कख लगाण छुईं, कैमा लगाण छुईं, रीता कुणौं की, तीसा भाण्डौ की, के माध्यम से उत्तराखण्ड में पलायन की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए ग्रामोद्योग, कुटीरउद्योग, आदि स्वरोजगार शुरु करने का आह्वान किया और स्वरोजगार शुरू करने हेतु खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा हरसम्भव सहयोग करने का आश्वासन दिया। तत्पश्चात “ ग्रामीण क्षेत्र से पलायन रोकने में छोटे-छोटे ग्रामीण उद्योगों की भूमिका” विषयक निबन्ध प्रतियोगिता एवं “वर्तमान समय में महात्मा गाँधी जी के विचारों की प्रासंगिकता” विषयक वाद-विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी। निबन्ध प्रतियोगिता में सूरज, सपना और चन्द्रकला ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। वाद-विवाद प्रतियोगिता में शैला ने प्रथम, रागिनी ने द्वितीय एवं समीर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। नमामि गंगे समन्वयक ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को स्वावलम्बन बनाने एवं स्वयं के उद्योग लगाने के बारे में जानकारी प्रदान करना है। कार्यक्रम में डा हर्षवर्धन बेंजवाल (प्राचार्य फार्मेसी कॉलेज), डा मनोज गैड़ी, डा योगिशा, डा अनुराग भण्डारी, डा नीतू, डा चिन्तामणि, डा मोनिका एवं महाविद्यालय गुप्तकाशी तथा फार्मेसी कॉलेज विद्यापीठ के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन डा आजाद सिंह (प्राध्यापक समाजशास्त्र) ने किया।

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