
नीलकंठ पर्वत से भंवरे के रूप में मायके बामणी गाँव पहुँची माँ नन्दा
बद्रीनाथ : माँ नंदा व भगवान बदरी विशाल के जयकारों से गूंजी बदरीपुरी। नीलकंठ पर्वत से भंवरे के रूप में मायके पहुँची मां नंदा। बदरीनाथ धाम के समीप बामणी गांव में भी माँ नंदा के लोकोत्सव हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है।
बामणी गांव बदरीनाथ मंदिर के पास ही स्थित है यहाँ के निवासी 6 महीने पांडुकेशर और 6 महीने बामणी गांव में निवास करते हैं। बामणी गांव को देवी नंदा का मायका माना गया है। बामणी गांव में हर साल भादों के महीने आयोजित।