लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : सावन माह में मांस की बिक्री बन्द करने को लेकर मांस विक्रेता व स्थानीय व्यापारी आमने – सामने हो गए हैं। इस दौरान मांस विक्रेताओं व स्थानीय व्यापारियों में हल्की नोंक-झोंक होने की खबरें भी सामने आ रही है। मामला उपजिलाधिकारी के दफ्तर पहुंचने पर उपजिलाधिकारी द्वारा कल 11 बजे सभी व्यापारियों की सार्वजनिक बैठक आहुत करने का आश्वासन देने के बाद मामला शान्त हुआ।
बता दें कि व्यापार संघ अध्यक्ष के नेतृत्व में व्यापार संघ के पदाधिकारियों द्वारा सावन माह शुरू होने से पूर्व मांस विक्रेताओं को सावन माह में मांस न बेचने का लिखित रूप से कहा गया था तथा गुरूवार को व्यापार संघ के पदाधिकारियों द्वारा उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर सावन माह में मांस की बिक्री पर रोक लगानी की मांग की थी। गुरूवार को दोपहर बाद जब मुर्गों से लदा ट्रक ऊखीमठ पहुंचा तो स्थानीय व्यापारियों द्वारा मुर्गों से लदे ट्रक का विरोध किया तो मांस विक्रेता व स्थानीय व्यापारी आमने – सामने हो गये! स्थानीय सूत्रों के अनुसार मांस विक्रेताओं व स्थानीय व्यापारियों के मध्य हल्की नोंक-झोंक भी हुई है। मामला जैसे ही उपजिलाधिकारी के दफ्तर पहुंचा तो कांग्रेस कमेटी प्रदेश सदस्य आनन्द सिंह रावत व भाजपा मण्डल अध्यक्ष अनसूया प्रसाद भट्ट में जमकर बहस बाजी होने से राजनीति द्वन्द साफ झलका। स्थानीय व्यापारियों व पुलिस प्रशासन द्वारा मामला शान्त करने के बाद व्यापार संघ अध्यक्ष राजीव भट्ट ने कहा कि ऊखीमठ भगवान केदारनाथ का शीतकालीन गद्दी स्थल तथा द्वितीय केदार मद्महेश्वर यात्रा का आधार शिविर होने के कारण ऊखीमठ क्षेत्र आस्था का केन्द्र है इसलिए सावन माह में मांस की बिक्री पर पूर्ण पाव बन्द लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकांश मास की दुकानें अवैध रूप से संचालित हो रही है, जबकि कुछ मांस विक्रेताओं का कहना है कि व्यापार संघ द्वारा हमें बिना बात परेशान किया जा रहा है। उपजिलाधिकारी दफ्तर में भी मांस विक्रेताओं व स्थानीय व्यापारियों में भारी नोंक-झोंक हुई। उपजिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला ने दोनों पक्षों को आश्वासन दिया कि शुक्रवार को 11 बजे सभी व्यापारियों की बैठक में जो निर्णय लिया जायेगा वही निर्णय सर्व मान्य होगा। उपजिलाधिकारी के आश्वासन के बाद दोनों पक्षों का मामला शान्त हुआ। इस मौके पर केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, प्रधान संगठन ब्लॉक संरक्षक सन्दीप पुष्वाण, सन्तोष त्रिवेदी, कार्यकारी अध्यक्ष जय प्रकाश पंवार, कुलदीप रावत, महेश बर्त्वाल, डा0 अंजनेश पंवार, यशबीर बर्त्वाल सहित भारी संख्या में व्यापारी व पुलिस प्रशासन मौजूद रहे।