रिपोर्ट रघुबीर नेगी उर्गम घाटी
मायके में पौधारोपण कर डोली में विदा हुयी बिटिया दीक्षा
उर्गम घाटी की ग्राम पंचायत देवग्राम के बांसा गांव के ग्रामीण आज भी पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अब्बल हैं, पर्यावरण संरक्षण जिनकी रगरग में बहता है। बिटिया की शादी के अवसर पर दुल्हा-दुल्हन द्वारा मायके में पौधारोपण करने की परम्परा है जो फेरे के बाद निभाई जाती है।
गांव की अविवाहित बेटियों का एक संगठन होता है जिसमें से किसी भी बेटी के विवाह के अवसर पर पौधारोपण की रस्म निभाई जाती है। बेटी के मायके में दुल्हा -दुल्हन द्वारा पौधारोपण किया जाता है और सखियों द्वारा इस पौधे का संरक्षण करने की जिम्मेदारी ली जाती है। बदले में वरपक्ष द्वारा पौधे के संरक्षण के लिए कुछ राशि दी जाती है। जिसका उपयोग पौधे के संरक्षण एवं दुल्हन के लिए उपहार में उपयोग होता है। इस तरह मायके में पौधारोपण के साथ पर्यावरण संरक्षण एवं मायके में बिटिया की याद पौधे के रुप में सदा रहती है। बसंत पंचमी के अवसर पर कुंवर सिंह नेगी की सुपुत्री दीक्षा का विवाह सुदूरवर्ती क्षेत्र निवासी बचन सिंह नेगी के सुपुत्र दीपक नेगी के साथ रीति-रिवाज से सम्पन हुआ। डोली ने विदा होने से पूर्व दीक्षा ने अपने पति एवं सखी सहेलियों के साथ मायके में पौधारोपण किया उसके बाद अपने ससुराल डुमक के लिए विदा हुयी। आपको बता दें कि इस समय डुमक कलगोठ बर्फबारी के आगोश में है जहां न संचार सुविधा है न सड़क मार्ग बड़ी मुश्किल से लोग बारात लेकर उर्गम घाटी के बांसा गांव पहुंचे थे।