लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ
तल्ला नागपुर क्षेत्र के ग्रामीणों के अराध्य देव भगवान तुंगनाथ की तपस्थली फलासी गाँव में श्रीराम कथा समिति , फलासी, मलांऊ, गडिल के ग्रामीणों के सयुक्त तत्वावधान में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के तीसरे दिन सैकड़ों भक्तों ने कथा श्रवण कर धर्म की गंगा में डुबकी लगाई।नौ दिवसीय श्रीराम कथा के आयोजन से फलासी गाँव सहित तल्ला नागपुर क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है तथा ब्रह्म बेला पर विद्वान आचार्यों की वेद ऋचाओं से हर प्राणी जगत मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र की भक्ति में डूबा हुआ है।
श्रीराम कथा के तीसरे दिन हरिद्वार के प्रख्यात कथावाचक हरि शरण ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि हमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र के संघर्षों से प्रेरणा लेकर उनके पदचिह्नों पर चलना चाहिए क्योंकि वनवास की अवधि व्यतीत करने के बाद भगवान श्रीरामचंद्र को मर्यादा पुर्षोत्तम की उपाधि मिली है। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य सच्चे मन से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र का स्मरण करता है वह सांसारिक सुखों को भोग कर अन्त में मोक्ष को प्राप्त होता है। कथावाचक हरि शरण ने कहा कि शिव स्मरण करने से शिव लोक, देव स्मरण करने देव लोक तथा प्रेत स्मरण करने से प्रेत लोक की प्राप्ति होती है इसलिए मनुष्य को हमेशा देव स्मरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रभु भावनाओं के वशीभूत होते है इसलिए मनुष्य को हमेशा अच्छे विचारों का स्मरण करना चाहिए तभी सदगति व सदबुद्धि की प्राप्ति होती है। परिव्राजकाचार्य स्वामी अच्युतानन्द ने कहा कि मनुष्य योनि चौरासी लाख योनियो में श्रेष्ठ मानी गयी क्योंकि यहाँ कार्यों के अनुसार फल की प्राप्ति होती है इसलिए मनुष्य को हमेशा पुण्य पथ अपनाना चाहिए ! सामाजिक कार्यकर्ता पंचम सिंह नेगी ने बताया कि नौ दिवसीय श्रीराम के आयोजन से श्रीराम भक्तों में भारी उत्साह बना हुआ है तथा श्रीराम कथा समिति द्वारा प्रतिदिन भण्डारे का आयोजन किया जा रहा है! इस मौके पर बाबा सन्तोष नाथ, आचार्य चिन्तामणि सेमवाल, ब्रह्म सन्दीप भटट्, अरुण प्रसाद डिमरी, मनीष गौड़, देवेन्द्र गौड़, वेद प्रकाश मिश्रा, सन्दीप शर्मा, दलवीर राणा, पूर्ण सिंह खत्री, यशवन्त सिंह नेगी, श्रीराम कथा समिति अध्यक्ष भगवती प्रसाद भटट्, दीपक भण्डारी, जीत सिंह नेगी, बलवीर बर्त्वाल, सते सिंह नेगी, नरेन्द्र सिंह नेगी, बलवीर सिंह करासी, कल्याण सिंह नेगी, चैत सिंह करासी, त्रिलोचन भटट्, भरत सिंह जगवाण,गोविन्द सिंह करासी, दलवीर सिंह करासी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, जगदीश बर्त्वाल, जीत सिंह बर्त्वाल, भूपाल सिंह नेगी, सहित सैकड़ों रामभक्त मौजूद रहे।