योगाहार के १००२ वें दिवस पर भारतीय परंपरा और जैविक भोज के साथ विवाह संपन्न
एक किसान के बेटे की शादी में विशुद्ध भारतीय परम्परा और जैविक भोजन कराने का संकल्प पूरा हुआ. यह संकल्प लोगों को अपनी संस्कृति की ओर लौटने, जैविक खेती को अपनाने और कुरीतियों से मुक्ति पाने की प्रेरणा भी देगा. यह जैविक शादी “योगाहार कार्यक्रम” के एक सफलत उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है।
30 जनवरी को नर्मदापुरम में भारतीय परंपरा और जैविक भोज के साथ एक अनूठी शादी संपन्न हुई. यह शादी थी सदस्य ग्राम बनाडा तहसील नर्मदापुरम म.प्र. के निवासी अशोक पटेल के सुपुत्र चि. श्री चेतन पटेल की. पटेल परिवार ने योगाहार कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर भारतीय सांस्कृतिक परम्परा, जैविक भोजन युक्त, नशा-मुक्त विवाह संपन्न करने का संकल्प लिया था.
इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रशिक्षित जैविक किसानों से अन्न और सब्जियों का संकलन किया गया. साथ ही देशी गाय के दूध, घी से बने उत्पादों और जैविक गुड से मिष्ठान तैयार किए गए. इस जैविक शादी के प्रबंधन में 3 महीने का समय लगा. हैं श्री पटेल जैविक कृषक और पतंजलि किसान सेवा समिति के जिला सह-प्रभारी भी हैं.
भोजन करने हेतु विशेष व्यवस्था
इस विवाह में ५००० लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी. सभी मेहमानों के लिए आसन पर बैठने और चौकी भोजन परोसने की व्यवस्था की गई.
नशामुक्ति का अनूठा उदहारण
विवाह समारोह में किसी भी तरह का नशा न किए जाने का प्रयास सफल रहा. यहाँ तक कि बीढ़ी, सिगरेट और गुटका-तम्बाकू का सेवन भी पूर्णत: वर्जित रहा.
योगाहार के सदस्यों की उपस्थिति
विवाह उत्सव में मध्यप्रदेश, उत्तर-प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र से योगाहार परिवार के सदस्य उपस्थित रहे. सदस्यों ने आंवलीघाट पर सुबह 5.30 से 7.00 तक योग किया. आज के योग शिक्षक श्री मुकेश मालवीय जी थे. तत्पपश्चात 8.30 बजे तक इस वैदिक विवाह समारोह की तैयारियों के बारे में चर्चा हुई जिसमे देशभर से 80 परिवारों ने ऑनलाइन इस कार्यक्रम को देखा.
देशी गाय के दूध एवं प्राकृतिक-जैविक पद्धति से प्राप्त उत्पादों से निर्मित जैविक भोज सभी किसानों और उपभोक्ताओं के लिए ऐसा अवसर है जो समाज को जैविक भोजन को अपनाने और भारतीय संस्कृति की राह पर चलने के लिए प्रेरित करेगा.’’ – श्री मुन्नी लाल यादव, राज्य प्रभारी, किसान सेवा समिति , मध्यप्रदेश.
राजस्थान से पधारे योग और आहार विशेषज्ञ श्री रंजित सिंह ने कहा, ‘’ योग के साथ – साथ शुद्ध आहार हमारे जीवन के लिए बहुत जरुरी है. आहार हमेशा बैठकर ही लिया जाना चाहिए. भोजन करते समय मधुर संगीत का प्रवाह और भी लाभकारी होता है. इस विवाह में सभी आदर्श मानकों का ध्यान रखा गया. महाराष्ट्र के श्री नीलकंठ साबले ने कहा, ‘’ यहाँ विवाह अद्भुत था. ऐसा लगा जैसे नए युग की शुरुवात हुई हो.”
नर्मदापुरम में दूसरी बार
नर्मदापुरम में योगाहार का यह दूसरा ऑफलाइन कार्यक्रम है. इससे पहले 525 वें दिवस पर ऑफलाइन उत्सव 09 अक्टूबर 2022 को जिला प्रशासन की उपस्थिति में इटारसी स्थित साईं कृष्णा रिसोर्ट में मनाया गया था। योगाहार के सदस्य और जैविक किसान श्री शरद वर्मा जी ने बताया कि –
अब तक योगाहार में 1002 योग शिक्षक और 1002 विविध विषयों के विशेषज्ञ, किसान, वैज्ञानिक, अधिकारी, उद्यमी, प्राशासनिक अधिकारी, सरकार के जन-प्रतिनिधि, वरिष्ठ समाज सेवी, पद्म श्री पुरस्कार, भारत सरकार एवं राज्य सरकारों से सम्मानित व्यक्तित्व मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हो चुके हैं।