माणा : नंदोत्सव की धूम, द्वापर युग की मुचुकुंद गुफा में श्री कृष्ण चरण पाद दर्शन करने पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालु
संजय कुंवर, मुचुकुंद गुफा,माणा
देश के अन्तिम ऋतु प्रवासी गांव माणा में भी नंदोत्सव को लेकर खूब चहल पहल देखी गई। माणा गांव के ऊपर घसतोली रूट पर स्थित द्वापर युग की पौराणिक मुचुकुंद गुफा में मौजूद भगवान श्री कृष्ण के चरणों, पग चिन्हों (पैरों के निशान) के दर्शन का पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
गौरतलब है कि मुचुकुन्द द्वापर युग के इक्ष्वाकु (सूर्यवंश) कुल के राजा थे। असुरों के खिलाफ देवों की सहायता करने के फल स्वरूप वे अत्यन्त थक गए थे। देवराज इन्द्र द्वारा उन्हें चिरनिद्रा का वरदान दिया गया था। उनकी निद्रा भंग करने वाला तुरंत भस्म हो जाता।
कालयवन, जो यवन महारथी थे, उनका संहार मुचुकुन्द की दृष्टि के प्रकोप से हुआ। दरअसल कालयवन ने द्वारिका पर आक्रमण किया था कालयवन के आशीर्वाद की वजह से भगवान श्री कृष्ण ने युक्ति लगाकर रण छोड़ दिया। इस कारण उन्हें रणछोड़ दास का नाम मिला। श्री कृष्ण मुचुकुन्द की गुफा में घुस गए थे इसका परिणाम यह हुआ कि कालयवन भस्म हो गया। आज कलयुग में भी ये गुफा बदरीनाथ माणा में मौजूद है और प्रमाण स्वरूप भगवान श्री कृष्ण के चरण चिन्ह आज भी इस गुफा में मौजूद हैं। जिसके दर्शन करने साल में एक बार नंदोत्सव पर्व पर माणा बदरीनाथ के स्थानीय लोगों के साथ श्रधालु भी यहां पहुंचते है।श्री कृष्ण ने मुचुकुन्द को आशीष दिए और मुक्ति की ओर मार्ग दर्शन कराए।