रघुबीर नेगी
भूमि क्षेत्रपाल घंटाकर्ण एवं भर्की भूमियाल के सानिध्य में नन्दा स्वनूल को बुलाने चला हिमालय की ओर
भूमिक्षेत्र घंटाकर्ण के सानिध्य में उर्गम घाटी की लोकजात यात्रा आज से शुरू हो गयी है। मां नन्दा को बुलाने के लिए उर्गम घाटी की 20 छतोलियां श्री घंटाकर्ण के सानिध्य में नन्दा के ससुराल की ओर चल दी, जो रात्रि विश्राम वंशी नारायण के समीप रिखडारा उडियार में करेंगी।जहां उनकी भेंट भूमि क्षेत्र पाल कलगोठ कोंधुडिया पंचगै पल्ला – जखोला, किमाणा, कलगोठ, लांजी, पोखनी, द्वींग व तपोण की छतोलिंया के साथ होगी । रात्रि में जागर गायन किया जायेगा। 3 सितम्बर को मैनवाखाल में मां नन्दा की जात की जायेगी।
मां स्वनूल की जात भूमिक्षेत्र पाल भर्की धनाणधोण के सानिध्य में 11 छंतोली पल्ला उर्गम सहित शाम चार बजे फ्यूलानारायण के लिए प्रस्थान कर रात्रि विश्राम फ्यूलानारायण मंदिर में करेगी। सुबह भनाई बुग्याल में मां स्वनूल देवी की जात होगी।
इस बार द्योखारी पट्टी की जात नन्दीकुंड में सप्तमी तिथि को होगी जैष्ठ भ्राता डुमक वजीर के सानिध्य में डुमक, स्यूंण, बेमरु हाट, जैंसाल, कुजों, कांणा, खंडरा, देवर, खडोरा व डुंग्री के गांवों की आज वजीर देवता एवं बेमरु लाटू की अगवानी में ढोलडार मनपाई बुग्याल में रात्रि विश्राम करेंगी। कल 3 सितम्बर को नन्दीकुंड में मां नन्दा की जात होगी।
4 सितम्बर को सभी छंतोली अपने-अपने स्थान को लौट जायेगी । उर्गमघाटी की छतोलियां फुलाणा पहुंचेगी जहां मां नन्दा का भोग तैयार किया जायेगा। शाम 5 बजे सभी छतोलियां उर्गम घंटाकर्ण मंदिर में पहुंचेगी जहां सभी भक्तों को प्रसाद ब्रहम कमल वितरण किया जाएगा। नन्दा स्वनूल देवी मायके पहुंचेगी।