मद्महेश्वर धाम के यात्रा पड़ावों पर विकास में रोड़ा बना वन विभाग – लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ

Team PahadRaftar

ऊखीमठ । मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों के चहुंमुखी विकास में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग का सेन्चुरी वन अधिनियम बाधक बना हुआ है। परिणाम स्वरूप मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों में समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है। यदि प्रदेश सरकार की पहल पर केन्द्र सरकार मदमहेश्वर यात्रा से सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की पहल करती है तो मदमहेश्वर धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा होगा जिससे तीर्थाटन व पर्यटन व्यवसाय में इजाफा हो सकता है। मदमहेश्वर – पाण्डव सेरा – नन्दी कुण्ड – रूद्रनाथ पैदल ट्रैक विकसित हो सकता है।

बता दें कि मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ाव बनातोली, खटारा, बनातोली, मैखम्भा, कूनचटटी यात्रा पड़ावों के भूभाग पर केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग का सेन्चुरी वन अधिनियम लागू होने से यात्रा पड़ावों पर यातायात, विद्युत, दूर संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने से मदमहेश्वर धाम में सीमित संख्या में तीर्थ यात्रियों का आवागमन होता है। भले ही तीर्थ यात्री मदमहेश्वर धाम की हसीन वादियों से रुबरु होने के लिए कई रात्रि प्रवास करने के लिए आता है मगर मदमहेश्वर धाम सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर ऊर्जा प्रदेश में विद्युत व संचार युग में मोबाइल नेटवर्क न होने से तीर्थ यात्री एक – दो रात्रि प्रवास कर मदमहेश्वर घाटी को अलविदा कह देता है। मदमहेश्वर धाम के व्यापारी भगत सिंह पंवार ने बताया कि मदमहेश्वर धाम सहित अधिकांश यात्रा पड़ावों पर विद्युत उपलब्ध न होने से स्थानीय व्यापारी लालटेन के सहारे अपना व्यवसाय संचालित कर रहे हैं। जबकि मोबाइल का नेटवर्क ढूढने के लिए ऊंची चोटियों में जाकर नेटवर्क सर्च करना पड़ता है। पूर्व प्रधान बलवीर सिंह पंवार ने बताया कि तीर्थ यात्रि मदमहेश्वर धाम की धार्मिक महत्ता तथा प्राकृतिक सौन्दर्य से रूबरू होने के लिए कई रात्रि प्रवास करने की जिज्ञासा से आता है मगर मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों पर विधुत, संचार सुविधा का अभाव होने से तीर्थ यात्री एक – दो रात्रि प्रवास करने के बाद मदमहेश्वर घाटी को अलविदा कह देता है। प्रकृति प्रेमी मनोज मैठाणी बताते है कि मदमहेश्वर घाटी के पग – पग को प्रकृति ने अपने वैभवों का भरपूर दुलार तो दिया है मगर मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों पर विद्युत व दूरसंचार सुविधाओं का अभाव होने से तीर्थ यात्रियों को आशाओं के अनुरूप सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। मदमहेश्वर धाम की यात्रा से लौटे नरेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि मुझे पहली बार मदमहेश्वर यात्रा करने का सौभाग्य मिला मदमहेश्वर घाटी के पग – पग पर अपार आनन्द की अनुभूति होती है मगर मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों पर विद्युत व संचार सुविधा न मिलने से शीघ्र लौटना पड़ा। गौण्डार गाँव के पूर्व प्रधान बीरेन्द्र सिंह पंवार का कहना है कि यदि प्रदेश व केन्द्र सरकारे मदमहेश्वर धाम सहित यात्रा पड़ावों पर विधुत व संचार सुविधा उपलब्ध कराने की पहल करती है तो मदमहेश्वर धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा होने के साथ अन्य पैदल ट्रैक भी विकसित हो सकतें है।

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