ऊखीमठ! पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात मध्य हिमालय के मध्य सुरम्य मखमली बुग्यालों के आंचल में बसे भगवान मदमहेश्वर के कपाट सोमवार को लगनानुसार पौराणिक परम्पराओं के साथ जय शंकर, जय बाबा मदमहेश्वर के उदृघोषों के साथ विधि – विधान से ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गये हैं। लॉकडाउन के कारण देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारी व हक – हकूकधारी व तहसील व पुलिस प्रशासन ही कपाटोद्घाटन के साक्षी बने। इस दौरान लॉक डाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया गया तथा कपाट खुलने व डोली के धाम पहुंचने तक सोशल दूरी का विशेष ध्यान रखा गया।
सोमवार को ब्रह्म बेला पर मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव लिंग ने गौण्डार गाँव में भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों का रुद्राभिषेक कर आरती उतारी तथा भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को डोली में सुसज्जित कर डोली का विशेष श्रृंगार कर फिर डोली की आरती उतारी! ठीक 6 बजे प्रातः पर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गाँव से रवाना हुई तथा ग्रामीणों ने घरों से ही पुष्प अक्षत्र अर्पित कर तथा हाथ जोड़कर भगवान की डोली के लिए कैलाश के लिए विदा किया। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली बनातोली,खटारा, नानौ, मैखम्भा, कूनचटटी होते हुए ठीक 10 : 3 0 बजे देव दर्शनी बुग्यालों में पहुंच कर विश्राम किया। लोक मान्यताओं के अनुसार देव डोलियों को कैलाशी मखमली बुग्याल अति प्रिय लगते हैं।
ठीक 10: 45 बजे मदमहेश्वर धाम के भण्डारी मदन सिंह पंवार व विशाम्बर पंवार ने मदमहेश्वर धाम से शंख ध्वनि देकर डोली के धाम आगमन का न्यूता दिया तो भगवान मदमहेश्वर की डोली के साथ चल रहे श्रद्धालुओ ने भी शंख ध्वनि देकर निमन्त्रण को स्वीकार किया तथा डोली धाम के लिए रवाना हुई! भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर 11 बजे सिंह लगन में भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गये! उसके बाद भगवान मदमहेश्वर की समाधि को जागृत किया गया तथा पण्डित राजन सेमवाल ने हवन कर विश्व शान्ति की कामना की तथा भगवान मदमहेश्वर के स्वयभू लिंग का विशेष श्रृगार कर प्रधान पुजारी व वेदपाठी मुत्युजय हिरेमठ ने रूद्राभिषेक आरती उतारी तथा डोली के साथ चल रहे श्रद्धालुओ ने भी भगवान मदमहेश्वर के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया! इस मौके पर तहसीलदार दीवान सिंह राणा, राजस्व निरीक्षक जयकृत सिंह रावत, राजस्व उप निरीक्षक दिवाकर डिमरी, एस आई पुनीत दनोशी, दिवारा यात्रा प्रभारी अनूप पुष्वाण, शिव सिंह रावत, प्रधान बीर सिंह पंवार, रवीन्द्र भटट्, धीरेन्द्र भटट्, मानवेन्द्र भटट, उमेद नेगी मौजूद रहे।