लामबगड़ : खीरों घाटी की आराध्य मां उन्याणी देवी को समर्पित खीरों मेला सम्पन्न, टन्गवणा जागरों से गूंजी खीरों घाटी

Team PahadRaftar

लामबगड़ : खीरों घाटी की आराध्य मां उन्याणी देवी को समर्पित खीरों मेला सम्पन्न, टन्गवणा जागरों से गूंजी खीरों घाटी

संजय कुंवर खीरों घाटी

अलकनंदा घाटी के लामबगड़ क्षेत्र में स्थित खूबसूरत उच्च हिमालई क्षेत्र खीरों घाटी की आराध्य देवी मां उन्याणी देवी को समर्पित प्रसिद्ध खीरों पूर्णमासी मेला आज पूर्णमासी पर्व पर भाद्रपद की पवित्र पूर्णिमासी तिथि में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ आयोजित हुआ।

इस देव उत्सव की खास विशेषता ये है की पूरे देव उत्सव में मां उन्याणी देवी के मंदिर में न तो ढोल दमों की थाप सुनाई देती है ओर नही बाजा भोंकारे बजते है, सिर्फ पौराणिक टन्गवणा जागरों की ही गूंज पूरे खीरों घाटी में आज के दिन सुनाई देती है, यहां देवी जागरोँ की शक्ति से ही मां उन्यानी देवी सहित सभी अन्य देवताओं का आह्वान किया जाता है और विदा भी जागरों से किया किया जाता है।

मां उन्याणी सेवा समिति के तत्वाधान में आयोजित इस खीरों पूर्णमासी मेले में मां उन्याणी देवी के दर्शनों के लिए भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा, मां उन्याणी देवी मंदिर के प्रांगण में दिन भर खीरों वैली, लाम बगड़ क्षेत्र माणा,हनुमान चट्टी, बेनाकुली,पांडु नगरी की महिलाओं ने अपनी पारंपरिक परिधानो और आभूषणों के श्रंगार उन्याणी माता को समर्पित पारंपरिक टन्गवणा जागरों के साथ चोफुला,दांकुड़ी,चांचड़ी जेसे सामूहिक देव लोक गीतों से खीरों घाटी का वातावरण भक्तिमई बना दिया, इन जागरों से पूरी उन्याणी घाटी गुंजायमान हो गई ।

वहीं आज सुबह से ही भेनाकुली से लेकर खीरों घाटी तक चारों तरफ भक्तों की भीड़ नजर आई, मां उन्याणी देवी के प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा और आस्था ही थी की मीलों दुर्गम पहाड़ी पथरीले मार्गो से चलकर महिलाए,पुरुष,बच्चे,बुजुर्ग सभी सकुशल मां उन्याणी देवी के मंदिर तक पहुंच सके, यहां पहुंच कर सभी ने मां उन्यानी देवी के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित किया और देवी मां से अपने परिवार की सुख समृद्धि की मनौती भी मांगी,मां उन्याणी देवी सेवा समिति खीरों मेला द्वारा सभी देवी भक्तों के लिए भंडारे की व्यवस्था भी की गई थी, मेले के अंतिम चरण में सांय 4बजे मां उन्याणी देवी अवतरित हुई, इसके साथ मां के अन्य देव गण दाणी देवता, लाटू देवता,भूमि छेत्र पाल देवता, घंटाकर्ण देवता के पश्वा भी अवतरित हुए। अंतिम धार्मिक प्रक्रिया के तहत मां उन्याणी देवी ने सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में पवित्र देव स्नान गाडू लिया,और दुग्ध स्नान,किया,अंत में परंपरा के अनुसार मां उन्याणी देवी के सिर पर मक्खन का लेप लगाया गया, जिसके बाद मां उन्याणी देवी ने खीरों मेले में मां के दर्शन के लिए आए सभी भक्तों को सुख समृद्धि और खुशहाली का आशीष भी दिया। अंत में महा प्रसाद वितरण के साथ उन्याणी मेले का विधिवत समापन हुआ। मां उन्याणी सेवा समिति के कोषाध्यक्ष और छेत्र के सामाजिक कार्य कर्ता तिजेंंद्र सिंह चौहान ने खीरों मेले में पहुंचे सभी देवी भक्तो का आभार व्यक्त किया है, साथ उन्होंने कहा की खीरों मेला में समिति की ओर से हम सभी खीरों लाम बगड़ घाटी के ग्रामीणों ने सीमित संसाधनों के बलबूते इस उच्च हिमालई घाटी में ये देव उत्सव का आयोजन किया ये सब मां उन्याणी देवी की ही कृपा से संभव हो सका है।

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