श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने की जोशीमठ में किसान मेला आयोजित करने की मांग। देहरादून में मुख्यमंत्री से भेंटकर कृषक मेले में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का भी किया अनुरोध, मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में नीति घाटी के काश्तकारों की समस्याओं को अवगत कराया।
संजय कुंवर
जोशीमठ/ गोपेश्वर/ देहरादून।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने नीति घाटी के काश्तकारों की समस्या के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है इस संबंध में आज उन्होंने देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी भेंट की तथा मुख्यमंत्री को पत्र सौंपा।पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री से विकास खंड जोशीमठ में अक्टूबर माह में किसान मेला आयोजित करने हेतु स्वीकृति तथा संबंधित विभागों को निर्देशित करने हेतु लिखा है साथ ही कृषक मेले में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का भी अनुरोध किया है।
बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि जनपद चमोली की सुदूर नीती घाटी में नीती, गमशाली, झेलम, मलारी, तपोवन, रैनी, कैलाशपुर आदि गांवों के कृषक / फल उत्पादकों द्वारा विगत कई वर्षों से मुख्य रूप से सेब की विभिन्न प्रजातियों अखरोट आलू, राजमा, खुमानी (चूली) इत्यादि का प्रचुर मात्रा में उत्पादन किया जाता है किन्तु उत्पादकों द्वारा उनके उत्पादित उत्पादों के प्रचार-प्रसार एवं ब्रांडिंग के अभाव में वर्तमान में उत्पादों की गुणवत्ता के अनुरूप उचित मूल्य प्राप्त नहीं हो पाता है।
नीती घाटी क्षेत्र की समुद्र तल से ऊंचाई 3000 मीटर से अधिक है, जिस कारण यहां की जलवायु संब उत्पादन की दृष्टि से हर्षिल घाटी (2745 मी0) से भी उत्तम है. लेकिन समूचित प्रचार-प्रसार एवं ब्रांडिंग न होने के कारण इस क्षेत्र के उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली पहचान नहीं मिल पायी है।
बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने कहा है कि खण्ड जोशीमठ में “कृषक मेले का आयोजन किया जाता है तो इससे इस क्षेत्र के उत्पादों को व्यापक पहचान मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विगत वर्ष श्री बदरीनाथ यात्रा के दौरान माणा में स्वयं आकर लोकल फार वोकल की बात कही, जिससे स्थानीय उत्पादकों में इससे अत्यधिक उत्साह एवं ऊर्जा का संचार हुआ है। पत्र में कहा कि जनवरी 2023 को जोशीमठ में आये भूधंसाव के कारण स्थानीय जनता अत्यधिक निराश है। देश-विदेश के तीर्थयात्रियों के मध्य भी जोशीमठ की यात्रा हेतु भय की भावना अभी भी व्याप्त है।
मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशन में इस आपदा के उपरान्त जोशीमठ में कृषक मेले” के आयोजन किया जाना उचित है।
मेले के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बतौर मुख्य अतिथि कृषक मेले में शामिल होने का भी अनुरोध किया गया है।