उत्तराखंड गढ़वाल में प्रसिद्ध लोक पांडव नृत्य का आयोजन शुरू हो गया है। आजकल पहाड़ के कई गांवों में पांडव लीला का आयोजन किया जा रहा है। प्रवासी भी अपनी पौराणिक लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए शहर से गांवों में पहुंचने लगे हैं। जिससे शीतकाल में गांवों में रौनक लौट आई है। चमोली जिले से जुड़ा किलौंडी नारायण गांव में भी पांडव नृत्य का भव्य आयोजन किया जा रहा है।
दशोली ब्लाक के किलोंडी नारायण गांव में 18 वर्षों बाद पांडव नृत्य का आयोजन विधि – विधान व पूजा – अर्चना के साथ शुरू हो गया है। अपनी पौराणिक लोक संस्कृति से जुड़ने के लिए युवाओं में गजब का उत्साह बना हुआ है। प्रवासी परिवार भी गांव पहुंच कर पांडव नृत्य में बढ़-चढ़कर शिरकत कर रहे हैं। जिससे किलौंडी नारायण गांव में उत्साह का माहौल बना हुआ है।
पांडव नृत्य देखने के लिए आसपास के गांवों से भी सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। पांडव नृत्य में युधिष्ठिर के पात्र शिशुपाल नेगी, भीम के पात्र कलम सिंह असवाल, अर्जुन के पात्र ईश्वर सिंह नेगी, नकुल के पात्र हरेंद्र नेगी, सहदेव के पात्र वीरेंद्र नेगी, श्रीकृष्ण के पात्र राकेश सजवान, द्रौपदी के पात्र शिव सिंह अस्वाल, हनुमान के पात्र कुंदन असवाल, नागार्जुन के पात्र सुरजीत सिंह, बर्बरीक के पात्र विक्रम, घटोत्कच दीवाना सिंह, मायाफुलारो के पात्र धन सिंह असवाल बने हैं। किलोंडी नारायण गांव के प्रधान दीपक असवाल ने बताया कि पांडव नृत्य में सभी लोग बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। गांव में चारों ओर उत्साह का माहौल बना हुआ है।