ऊखीमठ
केदारनाथ विधानसभा के अन्तर्गत राज्य के पांचवें विधानसभा के चुनाव निष्पक्ष व शान्तिपूर्ण समपन्न हो गये हैं। केदारनाथ विधानसभा के अन्तर्गत मतदान 63 : 30 प्रतिशत रहा। जबकि यातायात से वंचित मदमहेश्वर घाटी की ग्राम पंचायत जग्गी बगवान के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार कर अपने गुस्से का इजहार किया जबकि कालीमठ घाटी की ग्राम पंचायत चिलौण्ड में मात्र एक मतदाता ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। तल्ला नागपुर के क्यूडी़ पोलिंग बूथ पर कई मतदाताओं के वोटर लिस्ट से नाम गायब होने पर उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। पहले बार अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले मतदाताओं में भारी उत्साह देखने को मिला। मदमहेश्वर घाटी की ग्राम पंचायत जग्गी बगवान के ग्रामीणों ने पूर्व में ही चुनाव आयोग को ज्ञापन भेजकर पीएमजीएसवाई के निर्माणाधीन – कालीमठ – जग्गी बगवान, तथा लोक निर्माण विभाग के राऊंलैक – जग्गी बगवान मोटर मार्गों का निर्माण कार्य लम्बे समय से अधर में लटकने तथा गाँव में बदहाल स्वास्थ्य सुविधा मे सुधार लाने व शैक्षणिक संस्थाओं में अध्यापकों की तैनाती न होने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी थी मगर चुनाव आयोग द्वारा ग्रामीणों की मांगों पर अमल न होने पर ग्रामीणों ने सोमवार को सम्पन्न हुए राज्य के पांचवे विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर अपने गुस्से का इजहार कर दिया है! 376 मतदाताओं वाले जग्गी बगवान के प्रधान प्रदीप राणा का कहना है कि लोकतंत्र के इस महापर्व में ग्रामीणों की भागीदारी न होने का दु: ख ग्रामीणों को भी है मगर चुनाव बहिष्कार के अलावा ग्रामीणों के सम्मुख अन्य कोई उपाय नहीं था। उनका कहना है कि कालीमठ – जग्गी बगवान मोटर मार्ग का निर्माण कार्य वर्ष 2012 में शुरू हो गया था मगर लम्बा समय व्यतीत होने तथा शासन – प्रशासन व कार्यदाही संस्था की अनदेखी के कारण ग्रामीण आजादी के 7 दशक बाद भी यातायात सुविधा से वंचित है।उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग की अनदेखी के कारण राऊलैंक – जग्गी बगवान मोटर मार्ग का निर्माण कार्य भी अधर में लटकने का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। कालीमठ घाटी की ग्राम पंचायत चिलौण्ड में भी मात्र एक व्यक्ति ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 230 मतदाताओं वाले चिलौण्ड गाँव भी यातायात से वंचित है तथा ग्रामीणों आजादी के सात दशक बाद भी संचार सुविधा से वंचित है। तल्ला नागपुर के क्यूडी़ पोलिंग बूथ पर लगभग चार सौ से अधिक मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब होने के कारण सैकड़ों मतदाताओं को वैरंग लौटना पड़ा। 80 वर्षीय छौदाडी देवी 62 वर्षीय रामचंद्र सिंह नेगी ने बताया कि वे पांच किमी पैदल चलकर मतदान स्थल तक पहुंचे मगर वोटर लिस्ट में उनका नाम गायब होने पर उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा।सुबह के समय मतदाताओं में भारी उत्साह देखने को मिला इसलिए कई पोलिंग बूथों पर मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए घन्टों इन्तजार करना पड़ा! पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाली बालिकाओं में भी भारी उत्साह देखने को मिला।