लक्ष्मण नेगी
ऊखीमठ : केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग रेंज ऊखीमठ / गुप्तकाशी ने स्थानीय पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए पैदल ट्रेकों को विकसित करने तथा सुरम्य मखमली बुग्यालों के संरक्षण व संवर्धन की कवायद शुरू कर दी है। विभाग द्वारा केदारनाथ में ब्रह्म वाटिका प्लाटों को और अधिक विकसित करने की कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है तथा केदारनाथ प्रभाग के अन्तर्गत अन्य पैदल ट्रेकों को विकसित करने तथा मदमहेश्वर धाम में ब्रह्म वाटिका प्लाट लगाने के लिए शासन से पत्राचार किया जा रहा है तथा शासन से स्वीकृति मिलने पर अन्य पैदल ट्रेकों को विकसित करने तथा मदमहेश्वर धाम में ब्रह्म वाटिका प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है। वर्तमान समय में विभाग द्वारा सलामी – देवरिया ताल, देवरिया ताल – चोपता पैदल ट्रेकों को विकसित किया गया है तथा चोपता, भुजगली, रौणी व देवरिया ताल के सुरम्य मखमली बुग्यालों के संरक्षण व संवर्धन पर कार्य करने के साथ ही देवरिया ताल में बज्रदन्ती का रोपण भी किया गया है! विभाग का मानना है कि यदि क्षेत्र के अन्य पैदल ट्रेकों को विकसित किया जाता है तो स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा होने के साथ प्रदेश सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। जानकारी देते हुए केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के ऊखीमठ / गुप्तकाशी रेंज अधिकारी पंकज ध्यानी ने बताया कि सलामी – देवरिया ताल 5 किमी तथा देवरिया ताल – चोपता 16 किमी पैदल ट्रेकों को विकसित किया गया है जिससे बाहर से आने वाला सैलानी यहाँ की प्राकृतिक छटा से रूबरू होने के साथ सीमान्त गांवों में होम स्टे योजना को बढ़ावा मिलने से युवाओं के सन्मुख स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि भविष्य में गिरीया – देवरिया ताल, गडगू – विसुणीताल, बुरुवा – विसुणीताल, मदमहेश्वर – पाण्डव सेरा – नन्दीकुण्ड, रासी – मनणामाई तीर्थ पैदल ट्रेको को विकसित करने की कार्य योजना तैयार कर शासन को स्वीकृति के लिए भेजना जायेगा तथा शासन से स्वीकृति मिलने पर सभी पैदल ट्रेकों को विकसित किया जायेगा। रेंज अधिकारी पंकज ध्यानी ने बताया कि देवरिया ताल के चारों तरफ फैले, चोपता, भुजगली व रौणी के बुग्यालों के संरक्षण व संवर्धन पर कार्य गतिमान है तथा भूस्खलन वाले स्थानों पर चैकडेमों, सुरक्षा दीवालों तथा गल्ली पलक का कार्य जोरों पर है साथ ही विभिन्न बुग्यालों में बज्रदन्ती का रोपण भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भविष्य में केदारनाथ धाम में तीनों ब्रह्म वाटिका प्लाटों को और अधिक विकसित करने की कार्ययोजना में तैयार करने पर विचार किया जा रहा है। बताया कि मदमहेश्वर धाम में ब्रह्म वाटिका निर्माण के लिए पूर्व में कार्ययोजना शासन को भेजी जा चुकी है ब्रह्म वाटिका निर्माण के लिए शासन से स्वीकृति मिलने पर मदमहेश्वर धाम में ब्रह्म वाटिका का निर्माण शुरू किया जायेगा जिससे ब्रह्म कमल का संरक्षण व संवर्धन होने के साथ मदमहेश्वर धाम आने वाले तीर्थ यात्री ब्रह्म कमल की धार्मिक महत्ता से रूबरू होगें।