संजय कुंवर
केदारनाथ : पूजा-अर्चना हवन यज्ञ पश्चात श्री भकुंट भैरवनाथ जी के कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए।
श्री केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज रविवार 3 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं। वहीं श्री केदारनाथ धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या पौने 16 लाख पहुंच गयी है। आजकल प्रतिदिन पंद्रह हजार से अधिक श्रद्धालु श्री केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंच रहे हैं।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि चार दिन पश्चात केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे इसी क्रम में आज मंगलवार अपराह्न डेढ बजे भगवान केदारनाथ के द्वारपाल रक्षक भकुंट भैरवनाथ जी के कपाट शीतकाल के लिए विधि- विधान से बंद हो गये हैं। आज पूर्वाह्न 11.30 बजे श्री केदारनाथ मंदिर से पुजारी शिवशंकर लिंग सहित श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के अधिकारीगण तीर्थ पुरोहित समाज तथा पंचपंडा समिति के पदाधिकारीगण,भैरवनाथ मंदिर पहुंचे तथा भकुंट भैरवनाथ के जलाभिषेक के बाद पूजा-अर्चना की, भोग समर्पित किया तथा हवन यज्ञ संपन्न हुआ। इस अवसर पर सबके कल्याण तथा चारधाम यात्रा के निर्विघ्न समापन की प्रार्थना गयी।इसके पश्चात अपराह्न डेढ बजे भगवान भैरवनाथ जी के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये गये।
इस अवसर पर मंदिर समिति पूर्व कार्याधिकारी /समन्वयक आरसी तिवारी, केदारनाथ मंदिर प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, पूर्व अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पंचपंडा समिति अध्यक्ष अमित शुक्ला ,भैरवनाथ के पश्वा अरविंद शुक्ला, कुलदीप धर्म्वाण ललित त्रिवेदी, प्रबल सिंह रावत आदि मौजूद रहे।