जंगलों को आग से बचाने के लिए सामाजिक सहभागिता जरूरी
नारायण बगड़
सीपी भट्ट पर्यावरण और विकास केन्द्र सहयोगी संगठनों की ओर से वनाग्नि को रोकने हेतु चलाई गई जागरूकता यात्रा रविवार को सणकोट होते हुए सिमली पहुंची है।
सणकोट में आयोजित सभा में सी.पी.भट्ट केंद के ट्रस्टी मंगला कोठियाल ने कहा कि वनों को आग से बचाने हेतु सभी को सामुदायिक प्रयास जरूरी है जिसके लिये सभी को आगे आना होगा।
ग्राम पंचायत सणकोट और सिमली में आयोजित सभा प्रधान प्रेम सिंह बुटोला और सिमली महा देवी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। आयोजित सभा मे जिसमें बड़ी संख्या में महिला मंगल दल की सदस्याओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। वन संरक्षण और वनाग्नि की रोकथाम को लेकर नारों और गीत गाते हुए दल के सदस्य गांव में पहुंचे, जहां सणकोट और सिमली के ग्रामीणों ने अभियान दल का गर्मजोशी से स्वागत किया।
वन विभाग से तुला राम सती ने वनाग्नि की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयास और वन पंचायत की सहभागिता और प्रयास को लेकर अवगत कराया इस अवसर पर सरपंच सिमली हरेन्द्र बुटोला ने भी अपने विचार रखे। महिला मंगल दल अध्यक्षता धनुली देवी के आह्वान पर बैठक में इस इलाके में इस साल एकमत से जंगलों पर आग न लगने देने का एकमत से संकल्प लिया गया।
अभियान की जानकारी देते हुए पर्यावरण कार्यकर्ता मंगला कोठियाल ने बताया कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए जनजागरण को लेकर यह अभियान शुरू किया गया है। अभियान का यह दूसरा चरण है जिसके तहत कंडारा (कर्णप्रयाग) से लेकर थराली तक यात्रा शुरू की गई। रविवार को यात्रा का तीसरा दिन है।
पत्रकार राकेश सती ने आग लगने से होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी। आग लगाने से सबसे पहले आग लगाने वाले को ही नुकसान होता है। जंगल हमारी जीविका के आधार है। यदि ये नष्ट होते हैं तो हमारा जीवन का आधार ही लुप्त हो जाता है। इसलिए जंगलों को बचाना हम सबका दायित्व बनता है। इस दौरान सीपीभट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद के ट्रस्टी ओम भट्ट,पर्यावरण कार्यकर्ता रमेश थपलियाल, विनय सेमवाल,सर्वोदयी वचन सिंह रावत,मोहित,पंकज आदि उपस्थित थे।