बदरीनाथ धाम में मानसून का असर, पसरा सन्नाटा, बलदोडा में हाईवे खुला तो घुडशिला में हाईवे हुआ बाधित
संजय कुंवर
जोशीमठ : पहाड़ों में मानसून की एंट्री होते ही जगह-जगह सड़कों के बंद होने का सिलसिला थमने का नाम ही नही ले रहा है। जिसका सीधा असर चारधाम यात्रा तीर्थाटन और धार्मिक पर्यटन पर पड़ रहा है।
चमोली जनपद में पिछले 36 घंटों से रुक- रुक कर हो रही बारिश के चलते विष्णु प्रयाग बदरीनाथ मार्ग पर बलदोड़ा ब्रिज के निकट पिछले 24 घंटों से बंद हाईवे बीआरओ के अथक प्रयास से आज सुबह वाहनों की आवाजाही हेतु खोल दिया गया है। लेकिन हनुमान चट्टी के समीप घुड शिला में जेसीबी के ऊपर बोल्डर गिरने के चलते बदरीनाथ हाईवे बाधित हो गया। रविवार को जहां दिन भर हाई वे बंद होने से बदरीनाथ धाम और गोविंद धाम में तीर्थ यात्रियों की आमद थमी रही। वहीं बलदोडा ब्रिज के समीप हाईवे सुचारु होने के बाद जहां श्री हेमकुंड साहिब जाने वाले तीर्थ यात्रियों ने राहत की सांस जरूर ली है। लेकिन बदरीनाथ धाम की यात्रा अभी भी हनुमान चट्टी के समीप घुड शिला में हाई वे पर काम कर रहे जेसीबी पर बोल्डर गिरने के कारण अभी बाधित है। दूसरी तरफ भारी बारिश के अलर्ट के चलते शासन स्तर से रोकी गई चार धाम यात्रा का असर और रविवार 7 जुलाई से बाधित हाईवे के कारण जहां भू बैकुंठ नगरी श्री बदरीनाथ धाम में सन्नाटा पसरा हुआ नजर आ रहा है। सोमवार को बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार से लेकर साकेत तिराहा मुख्य बाजार, बस स्टैंड, ब्रह्मा कपाल तीर्थ क्षेत्र से लेकर देव दर्शनी तक, बिन श्रद्धालु एकदम सन्नाटा पसरा है। हालांकि कपाट खुलने से लेकर अबतक बदरी पुरी धाम में श्रद्धालु का आंकड़ा करीब साढ़े आठ लाख से ऊपर पार कर चुका है, लेकिन मानसून की दस्तक के चलते सीजन में पहली बार रविवार 7 जुलाई को भू बैकुंठ धाम में तीर्थ यात्रियों की आमद शून्य रही। तो श्री हेमकुंड साहिब में भी यह आंकड़ा महज 128 श्रद्धालुओं पर थम गया। बता दें की विष्णु प्रयाग के समीप बलदोड़ा में हाई वे खोलने का कार्य बीआरओ द्वारा युद्धस्तर पर रात भर चलता रहा जिसके चलते जल्द यहां सुबह करीब 7बजे हाई वे खोलने में बीआरओ को कामयाबी मिली। लेकिन हनुमान चट्टी के समीप घुड शिला में चट्टान से बोल्डर गिरने से दबे जेसीबी के कारण हाई वे खुलने में दोपहर तक का समय लग सकता है, मानसून की शुरुवात से ही चार धाम यात्रा प्रभावित होने के कारण श्रद्धालुओं की आमद थम गई है ऐसे में 6 माह के सीजन में धार्मिक पर्यटन से आजीविका चलाने वाले बदरी पुरी के तीर्थ पुरोहित पंडा समाज से लेकर होटल कारोबारी और स्थानीय कारोबारी काफी प्रभावित हुए हैं।